
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों का प्रदर्शन मंगलवार को पांचवें दिन भी जारी रहा। तमाम मस्जिदों के इमामों ने प्रदर्शन का समर्थन किया है। स्थानीय मस्जिदों के इमाम छात्रों के पक्ष में सामने आए और पुलिस कार्रवाई की निंदा की। उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से इस मुद्दे पर जवाब देने की मांग की।
बाटला हाउस में खलीउल्ला मस्जिद के इमाम मोहम्मद याकूब ने एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा कि आज पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया, जो रविवार की हिंसा व दंगे को लेकर यूनिवर्सिटी का हिस्सा नहीं हैं। अब पुलिस को हमें बताना चाहिए कि उन लोगों को क्यों गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस को बताना चाहिए कि उन्होंने उन छात्रों को क्यों पीटा, जो लाइब्रेरी में चुपचाप पढ़ रहे थे और लड़कियों को भी नहीं बख्शा गया। पुलिस ने शीशे के दरवाजे, आलमारियां क्यों तोड़ दीं?
गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए मोहम्मद याकूब ने कहा कि उन्हें यह जवाब देना चाहिए कि उन्होंने शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे छात्रों के खिलाफ पुलिस को क्या आदेश दिए। उन्होंने कहा कि शाह को पुलिस अधिकारियों से यह जरूर पूछना चाहिए कि उन्होंने छात्रों पर क्यों हमला किया, जो लाइब्रेरी में पढ़ रहे थे-क्योंकि दिल्ली पुलिस गृह मंत्रालय के तहत आती है। इमाम की यह टिप्पणी दिल्ली पुलिस द्वारा आगजनी व हिंसा, बसों को जलाने को लेकर 10 लोगों की गिरफ्तारी के बाद आई है।
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपी जामिया मिलिया इस्लामिया से नहीं हैं, बल्कि अराजक तत्व हैं। रविवार को प्रदर्शन हिंसक हो गया और इसमें पांच बसों को आग लगा दिया गया। हालांकि, जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों ने उन दावों का खंडन किया कि हिंसक विरोध प्रदर्शन में छात्र शमिल थे।
Published on:
17 Dec 2019 06:44 pm
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