script

दिल्ली:सीलिंग अभियान तेज, ब्रांडेड शोरूम सहित कई दुकानें सील

locationनई दिल्लीPublished: Jun 01, 2018 09:17:54 am

Submitted by:

Shivani Singh

दिल्ली में एक बार फिर से सीलिंग अभियान तेज।

delhi sealing

दिल्ली:सीलिंग अभियान तेज, ब्रांडेड शोरूम सहित कई दुकानें सील

नई दिल्ली। दिल्ली के व्यापारियों पर एक बार फिर से सीलिंग की मार पड़नी शरू हो गई है। दिल्ली में सीलिंग अभियान तेज हो गया है। साउथ दिल्ली में बड़े पैमाने पर सीलिंग अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत कई मशहूर ब्रांड के शोरूम को सील कर दिया गया। वहीं, नजफगढ़ के रंगपुरी में भी 152 दुकानों, शोरूम और रेस्तरां को सील किया गया। वहीं, नॉर्थ दिल्ली में भी सीलिंग देखने को मिली। साउथ एमसीडी ने बताया कि रंगपुरी और महिपालपुर में एडिडास, पूमा, ओक्टोवे, मदर केयर, शौकीन प्रॉपर्टिज, गीतांजली सैलून के साथ ही बाइक और कार के कई शोरूम को सील किया गया है।

यह भी पढ़ें

दुनिया में शांति बनाए रखने के लिए 70 साल में सबसे ज्यादा शहीद हुए हैं भारतीय: यूएन महासचिव

चलाया गया अतिक्रमण अभियान

इसके अलावा कापसहेड़ा रेड लाइट से कापसहेड़ा बॉर्डर तक तीन किलोमीटर तक सड़क के दोनों ओर दुकान लगा कर सामान बेच रहे विक्रेताओं और दुकानदारों को भी हटाया गया। वहीं, कई जगह अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया। पुष्पा भवन रेड लाइट, रिंग रोड पर हयात होटल से धौलाकुआं तक अतिक्रमण अभियान के दौरान सात वाहन और छह रेहड़ी जब्त की गईं। कई अस्थायी दुकाने ढ़ांचे भी गिराए गए।

नॉर्थ दिल्ली में भी सीलिंग

नॉर्थ एमसीडी में सिटी सदर पहाड़गंज जोन की टीम ने मीरदर्द रोड, माता सुंदरी रोड, ईदगाह रोड, सिंघाड़ा चौक, नॉवल्टी सिनेमा, लोधी अवंति बाई चौक इलाके में अतिक्रमण अभियान चलाते हुए 23 वाहनों को अपने कब्जे में लिया। वहीं, करोलबाग के रैगरपुरा रोड पर कार्रवाई करते हुए कई गाड़ियों को जब्त किया गया। साथ ही 23 अवैध विज्ञापनों को हटाया गया। ऐसा ही कुछ हाल रोहिणा में भी देखने को मिला।

यह भी पढ़ें

.गर्मी में अब प्यासी भी रहेगी दिल्ली, हरियाणा नहीं देगा ज्यादा पानी

एमसीडी के इजाजत के बिना निर्माण

दिल्ली जब भी कोई निर्मीण कार्य किया जाता तब एमसीडी से इजाजत लेनी पड़ती है। लेकिन राजधानी दिल्ली के कई ऐसे इलाके हैं, जहां एमसीडी की मर्जी के बिना अवैध निर्माण किए गए हैं। इन अवैध निर्माणों की शिकायतों के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने साल 2005 में एक्शन का आदेश दिया था। लेकिन एमसीडी ने इस पर कोई एक्सन नहीं लिया। एमसीडी का लचीला रवैया देखकर मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। इसके बाद कोर्ट ने साल 2006 में अवैध निर्माण की सीलिंग करने के आदेश जारी किए। साथ ही दुकानों या कॉमर्शियल प्रॉपर्टी को सीलिंग से बचाने के लिए सरकार ने कन्वर्जन चार्ज का प्रावधान किया।

कन्वर्जन चार्ज नहीं जमा किया

लेकिन कारोबारियों ने कन्वर्जन चार्ज करने में भी लापरवाही दिखाई। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए ऐसी दुकानों या प्रॉपर्टी को सील करने का आदेश दिया। कोर्ट ने इस कार्रवाई के लिए एक मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया। अब मॉनिटरिंग कमेटी की देखरेख में ऐसी दुकानों को सील किया जा रहा है, जिन्होंने कन्वर्जन चार्ज जमा नहीं कराया है।

ट्रेंडिंग वीडियो