
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सीलिंग मामले पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) से साफ कर दिया है कि मास्टर प्लान के संशोधन पर रोक तब तक नहीं हटाएंगे जब तक आप प्लान बी का मसौदा अदालत में पेश नहीं करते। कोर्ट ने सरकार से कहा कि डीडीए पहले तमाम संशोधन चार्ट के जरिए सुप्रीम कोर्ट में पेश करें। सीलिंग मामले पर सुनवाई के बाद जस्टिस मदन भीम राव लोकुर की पीठ ने कहा कि अगर कोर्ट 2007 के बाद के तमाम संशोधनों और नियमों को रद्द करता है तो फिर आपके पास प्लान बी क्या है? अदालत के लिए यह जानना जरूरी है कि आप ऐसी स्थिति में क्या करेंगे।
अगली सुनवाई 8 मई को
सीलिंग मामले में जस्टिस लोकुर की पीठ अगली सुनवाई 8 मई को करेगा। तब तक केंद्र सरकार से प्लान बी और मास्टरप्लान में संशोधन का मसौदा लेकर कोर्ट में आने को कहा है। कोर्ट ने सरकार और डीडीए को साफ कर दिया है कि आप जितना जल्द हो सके मसौदा तैयार करें। उसके बाद ही सीलिंग पर रोक हटाने पर विचार करना संभव है।
डीडीए की मनमानी नहीं चलेगी
सीलिंग मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए से कहा कि हमने मास्टरप्लान में संशोधन पर इसलिए रोक लगाई क्योंकि आप हमारे सवालों के जवाब का हलफनामा दाखिल करने से बच रहे हैं। आपने दिल्ली मास्टरप्लान में संशोधन पर जनता से तीन दिन में आपत्तियां मांग ली थीं। वहीं जब हमने आपसे संशोधन पर हलफनामा दाखिल करने को कहा तो आपने इसके लिए 6 हफ्ते का समय मांगा। कोर्ट ने कहा कि एक तरीके से मास्टरप्लान में संशोधन कर जनता को ये संदेश दे रहे हैं कि आपने अब तक जो भी अवैध निर्माण किया है, उसके नियमित होने को लेकर आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। हम उसे रेगुलर कर देंगे। ऐसी मनमानी नहीं चलेगी।
Published on:
04 May 2018 10:56 am
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