
नई दिल्ली। नागरिकता संशोध कानून ( सीएए ) को लेकर दिल्ली हिंसा में हिंसा फैसले के बाद दिल्ली सरकार हरकत में आ गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिगड़े हालात के बीच अपने आवास पर आपात बैठक बुलाई है। बैठक में पार्टी के विधायक पहुंचने लगे हैं। इस बैठक में हिंसाग्रस्त इलाकों के विधायकों, प्रमुख सचिव, गृह सचिव समेत दूसरे बड़े अधिकारियों को बुलाया गया है। बता दें कि सोमवार को मौजुपर में हिंसक घटना और फायरिंग के बाद देर रात आम आदमी पार्टी ( आप ) के करीब आधा दर्जन विधायक उपराज्यपाल के घर पर पहुंचे और हिंसा रोकने की मांग की।
नागरिकता संशोधन कानून ( सीएए ) पर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सोमवार को जमकर हिंसा हुई। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सात जगहों पर पथराव और आगजनी हुई। जाफराबाद, मौजपुर, गोकलपुरी, यमुना विहार, भजनपुरा, घोंडा चैक समेत अलग-अलग इलाकों में हिंसा की तस्वीरें देखने को मिलीं। दिल्ली हिंसा में अबतक एक कांस्टेबल सहित 7 लोगों की मौत हो चुकी है। हिंसक घटना में ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल रतनलाल भी शामिल हैं। बाकि 6 आम लोग हैं।
मंगलवार को आपात बैठक काॅल करने से पहले सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीटकर लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की। केजरीवाल ने अपने ट्वीट में लिखा है कि दिल्ली के कुछ हिस्सों में हिंसा से हम चिंतित हैं। शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करना होगा। हिंसाग्रस्त इलाकों के विधायकों और अधिकारियों के साथ मीटिंग कर रहा हूं।
आम आदमी पार्टी (आप ) के आधा दर्जन विधायक सोमवार दिन में हिंसा के बाद रात को उपराज्यपाल अनिल बैजल के घर पहुंचे थे। मंत्री गोपाल राय, मंत्री इमरान हुसैन, विधायक दिलीप पांडेय, संजीव झा, अखिलेशपति त्रिपाठी और अमानतुल्लाह खान पहुंचे थे लेकिन उपराज्यपाल ने उनसे मुलाकात नहीं की। हालांकि राज्यपाल के प्रतिनिधि के तौर पर स्पेशल कमिश्नर राजेश खुराना ने विधायकों से मुलाकात की और कार्रवाई का भरोसा दिया। केजरीवाल कैबिनेट में मंत्री गोपाल राय ने कहा कि उप राज्यपाल साहब के प्रतिनिधि स्पेशल कमिश्नर राजेश खुराना ने जनता की सुरक्षा का आश्वासन दिया। पुलिस की बात मानकर हम वापस घर जा रहे हैं। अगर फिर कोई घटना हुई तो फिर हम एलजी हॉउस पहुचंगे।
Updated on:
25 Feb 2020 01:11 pm
Published on:
25 Feb 2020 11:13 am
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