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Delhi Violence : हालात नाजुक, जानिए कब कैसे शुरू हुई हिंसा

Published: Feb 25, 2020 07:29:02 pm

Submitted by:

Shivani Singh

दिल्ली में CAA और NRC के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी
उत्तर पूर्व दिल्ली के कई इलाकों में हालात नाजुक
दिल्ली के कई इलाकों में धारा 144 लगाई गई

delhi
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध को लेकर जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। रह-रह कर हिंसा की ख़बरें आ रही हैं। अब तक हिंसा में 10 लोगों के मारे जाने की ख़बर है। वहीं, 100 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में एक महीने के लिए धारा 144 लगा दी गई है। । उधर गृह मंत्री अमित शाह पिछले 14 घंटों दो बैठकें कर चुके हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी मंगलवार को विधायकों की बैठक बुलाई। दिल्ली की जनता से शांती की अपील की है। आइए जानते हैं 22 फरवरी से शुरू हुई दिल्ली हिंसा में तब से अब तक क्या हुआ।
22 फरवरी

दिल्ली हिंसा की सबसे पहले शुरुआत 22 फरवरी को हुई। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में रात में कुछ महिलाएं जाफराबाद में मेट्रो स्‍टेशन के नीचे आकर बैठ गईं। सुबह होते-होते इस प्रदर्शन में कुछ और महिलाएं इसमें शामिल हो गईं। जिसके बाद उन्होंने मौजपुर से सीलमपुर जाने वाले रास्ते को जाम कर दिया। दिल्ली पुलिस की ओर से उन्हें लाख समझाने की कोशिश की गई लेकिन प्रदर्शनकारी महिलाएं वहां से नहीं हटी।
23 फरवरी

23 फरवरी को पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से बात करके मौजपुर-सीलमपुर के रास्ते को एक तरफ से खुलवा दिया। लेकिन सीलमपुर से मौजपुरा जाने वाला दूसरा रास्ता बंद ही रहा। इस बीच शाम में बीजेपी नेता कपील मिश्रा CAA समर्थकों से साथ मौजपुर लालबत्ती पहुंचे सड़क बंद करने को लेकर धरने पर बैठ गए। इस दौरान कपील मिश्रा ने भड़काऊ भाषण देते हुए पुलिस से कहा कि जाफराबाद और चांद बाग की सड़के खाली करवाइ जाए। हम अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जाने तक रुके हैं, उसके बाद हम आपकी भी नहीं सुनेंगे।
इसके बाद अचानक 4 बजे के करीब CAA के विरोधी और समर्थक दोनों ही एक दूसरे पर पथराव करने लगे। कुछ देर में हिंसा इतनी बढ़ी की देखते ही देखते मौजपुर, मौजपुर चौक, करावल नगर, बाबरपुर और चांद बाग के इलाके इसकी जद में आ गए।

पुलिस ने उपद्रवियों को हटाने के लिए लाठी चार्ज कर दिया। मामला शांत ना होता देख अर्द्धसैनिक बलों को बुलाया गया। कुछ देर माहौल शांत हुआ लेकिन फिर हिंसा भड़क गई। उपद्रवियों ने आगजनी शुरू कर दी और वाहनों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया।
24 फरवरी

24 फरवरी को भी जाफराबाद में सीएए को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी था। सुबह-सुबह ही CAA समर्थक और विरोधी एक दूसरेे के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। कुछ देर बाद पत्थरबाजी शुरू होई। नकाब पहने उपद्रवियों ने जमकर पत्थरबाजी की। जाफराबाद की आग करावल नगर से होते हुए शेरपुर चौक, कर्दमपुरी और गोकुलपुरी भई पहुंच गई।
जिसके बाद पुलिस को उपद्रवियों पर लाठी चार्ज करना पठा। इस बीच लाल टीशर्ट पहले एक लड़का पुलिस को पिस्‍टल दिखाता नजर आया। जानकारी के मुताबिक लड़के ने आठ राउंड गोली चलाई। बाद में पुलिस ने शाहरूख नाम के उस युवक को पकड़ लिया।
इसके बाद पता चला की दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल हिंसा में मौत हो गई। वहीं, डीसीपी के गंभीर रूप से घायल हैं। इसके अलावा दिल्ली पुलिस के कई और जवानों के घायल होने की भी खबर सामने आई। हिंसक घटनाओं को देखते हुए पुलिस फोर्स बढ़ा दी गई। दिल्ली पुलिस हिंसा वाले इलाकों में गशत करती रही। वहीं, उपद्रवी अलग-अलग इलाकों में आगजनी और पत्‍थराव करते घूम नजर आए।
जानकारी के मुताबिक दमकल विभाग के पास देर रात से सुबह तक मौजपुर और उसके आस-पास इलाकों में आगजनी के 45 कॉल आए हैं। आग पर काबू पाने में तीन दमकल कर्मी घायल हो गए। इसके अलावा एक दमकल वाहन को आग के हवाले कर दिया गया।

कल देर रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों और मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में दिल्ली की कानून-व्यवस्था को लेकर चर्चा हुई।


25 फरवरी
मंगलवार को भी दिल्ली के कई इलाके जलते नजर आए। सबुह-सुबह मौजपुर और ब्रह्मपुरी इलाके में पत्थरबाजी हुई। बदमाशों ने पांच मोटरसाइकिल को आग के हवाले कर दिया। वहीं, हिंसा में मरने वाले का आंकड़ 10 तक पहुंच गया है। वहीं 100 से ज्यादा लोग घायल हैं। हिंसा को देखते हुए पूरे उत्तर पूर्वी दिल्ली में 1 महीने के लिए धारा 144 लगाई गई।
इस बीच अमित शाह ने दिल्ली के राज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ बैठक की। तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए सीलमपुर के डीसीपी ऑफिस के बाहर बड़ी संख्या में पैरामिलिट्री फोर्स ( CRPF ) बुला ली गई है। अगर हालात और बिगड़ते हैं तो पैरामिलिट्री फोर्स को इन इलाकों में तैनात कर दिया जाएगा।
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