
Magenta Line
नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो में अक्सर तकनीकी खराबी की वजह से मेट्रो को रोकने के मामले सामने आते रहे हैं, लेकिन रविवार को दिल्ली मेट्रो की मैजेंटा लाइन (जनकपुरी-बोटेनिकल गार्डन) को एक पक्षी की जान बचाने के लिए 10 से 15 मिनट के लिए रोक दिया गया। मेट्रो अधिकारियों के इस कदम की लोगों ने खूब तारीफ की है।
मेट्रो के रेल ट्रैक पर फंसा पक्षी
दरअसल, रविवार शाम को मैजेंटा लाइन के कालिंदी कुंज मेट्रो स्टेशन के पास ट्रैक पर एक पक्षी पड़ा हुआ नजर आया। मेट्रो चालक ने जैसे ही इस पक्षी को देखा तो तुरंत मेट्रो को रोक दिया। इसके बाद मेट्रो चालक ने कंट्रोल रूम को तुरंत इस बारे में बताया। इसके बाद वाइल्ड लाइफ एसओएस के कर्मचारियों ने पहुंचकर पक्षी को सुरक्षित बाहर निकाला और ट्रेन को फिर से शुरू किया गया।
ड्राइवर की सूझबूझ से पक्षी को सकुशल निकाल लिया गया
इस घटना के बारे में जब यात्रियों को खबर मिली तो सभी ने डीएमआरसी के इस कदस की सराहना की और खुशी जताई। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि वो पक्षी रेलवे ट्रैक के बीच में इस तरह से फंस गया था कि वो उड़ नहीं पा रहा था। मेट्रो चालक ने समझदारी दिखाई और कमाल की इंसानियत की मिसाल पेश की। मेट्रो चालक ने मेट्रो को रोक दिया और पक्षी को निकलवाने के लिए मेट्रो अथॉरिटी को इसकी सूचना दी।
पक्षी को बचाने के लिए रोक दी गई सभी मेट्रो
मेट्रो के अधिकारियों ने वाइल्डलाइफ एसओएस की हेल्पलाइन पर कॉल किया और उसके बाद कुछ ही देर में एक बचाव टीम मेट्रो स्टेशन पहुंच गई। इस दौरान मेट्रो रुकी रही और पीछे से आ रही ट्रेनों को भी रुकना पड़ा। कुछ देर बाद बचाव दल के दो सदस्यों ने मेट्रो के अधिकारियों की मदद से ट्रैक पर उतरकर पनकौवे को बचाया और उसे इलाज के लिए भेजा।
ओखला बर्ड सैंचुरी से आया था पक्षी?
वाइल्डलाइफ एसओएस के सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने इस पक्षी को बचाने में मेट्रो स्टाफ के योगदान की जमकर सराहना करते हुए कहा कि डीएमआरसी ने आज एक नया उदाहरण पेश किया है। माना जा रहा है कि यह पक्षी ओखला बर्ड सैंचुरी से यहां आया था और किसी वजह से जख्मी होकर ट्रैक पर गिर गया था।
भारत के अलावा कहां-कहां पाए जाते हैं जलकौवा पक्षी
आपको बता दें कि जो पक्षी मेट्रो ट्रैक पर पाया गया उसे जलकौवा पक्षी कहा जाता है और भारत के अलावा ये म्यांमार, थाईलैंड, कंबोडिया और वियतनाम में पाए जाते हैं। ये ज्यादातर पानी में रहते हैं और बिना पानी के ये बिन पानी के मछली की तरह हो जाते हैं। राजधानी दिल्ली में इस प्रजाति के जलकौवा पक्षी सिर्फ ओखला बर्ड सैंचुरी में ही पाए जाते हैं। ये सिर्फ मछली ही खाते हैं।
Published on:
25 Sept 2018 03:44 pm
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