दूधवाले की बेटी सोनल शर्मा ने खाली तेल के डिब्बे से बने टेबल पर गौशाला में पढ़ाई कर यह मुकाम हासिल किया है। वह अब राजस्थान में सेशन कोर्ट में प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात होगी।
बता दें कि सोनल जब 10 साल की थी तभी से वह हर दिन भोर में 4 बजे उठकर गौशाला की सफाई करने, पिता के साथ दूध वितरित करने में मदद करती थी। इस सफलता के बाद सोनल ने कहा कि मैं हमेशा न्यायाधीश बनना चाहती थी। क्योंकि मैं न्याय को एक पुरस्कृत नौकरी के रूप में मानती हूं। मैंने बचपन से गरीबी देखी है। गरीबों के सामने आने वाली चुनौतियों से अवगत हूं। इसलिए मुझे विश्वास है कि मैं ईमानदारी के साथ अपनी नौकरी कर सकूंगी।
सोनल बातचीत में कहती हैं पहले मुझे अपने पिता के पेशे के बारे में बताने को लेकर शर्म महसूस होती थी। हालांकि, आज मुझे उनके साथ अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि पर भी गर्व है।