बता दें कि गत 60 दिनों में दिल्ली एनसीआर में 14 बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। सोमवार को ही दिल्ली में 2.1 तीव्रता का भूकंप आया था। वहीं, नेशनल सेंटर ऑफ सिस्मोलॉजी ( NCS ) के पूर्व हेड एके शुक्ला का कहना है कि इन छोटे-छोटे झटकों से हम सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि राजधानी दिल्ली भूकंप संभावित जमीन पर स्थित हैं। यहां हिमालय बेल्ट से भी इसे काफी खतरा है। इसके चलते यहां 8 तीव्रता वाला भूकंप ( Earthquake Warning in Delhi NCR ) भी आ सकता है।
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सरकार से मांगा जवाब
जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रजनीश भटनागर की बैंच ने दिल्ली सरकार, नगर निगम, छावनी बोर्ड, डीडीए और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद से संभावित भूकंप को लेकर जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि एक सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर किया जाए। बता दें कि हाईकोर्ट ने वकील अर्पित भार्गव और डी.के. शर्मा की अर्जी के बाद सरकार को निर्देशित किया है।
60 दिन में लगे 14 बार झटके
बता दें कि पिछले 60 दिनों में दिल्ली-एनसीआर में 14 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। अब तक आए भूकंपों में से 29 मई को सबसे अधिक 4.5 तीव्रता का भूकंप दर्ज हुआ था। वहीं, बार-बार आ रहे भूकंप से विशेषज्ञ भी चिंतित है।
आ सकता है 6.5 तीव्रता का भूकंप?
विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली-एनसीआर में एक्टिव फॉल्ट के कारण 6.5 तीव्रता का भूकंप आने की संभावना है। नेशनल सेंटर ऑफ सिस्मोलॉजी के पूर्व हेड डॉ. एके शुक्ला ने बताया हिमालय बेल्ट से दिल्ली एनसीआर को काफी खतरा है। ऐसे में 8 तीव्रता वाला भूकंप भी आ सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक दिल्ली भूकंप की जोन 4 में आता है, जहां मुरादाबाद, पानीपत और सोहना फॉल्ट लाइनें मौजूद हैं। इन फॉल्ट में 6.5 तीव्रता का भूकंप लाने की क्षमता है।