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सीबीआई द्वारा 24 अप्रैल को कार्यालय के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के आरोपों में सीबीआई द्वारा केस दर्ज किए जाने के लगभग एक पखवाड़े बाद ईडी की कार्रवाई सामने आई है। सीबीआई ने 6 अप्रैल को बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा एजेंसी से रिश्वत और कार्यालय के दुरुपयोग के आरोपों की जांच करने के लिए कहा। फैसले के तुरंत बाद, देशमुख अपने पद से हट गए थे। सीबीआई ने देशमुख से जुड़े परिसरों में तलाशी ली और पहले भी उनका बयान दर्ज किया था।
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परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वेज़ को हर महीने 100 करोड़ रुपये इक_ा करने के लिए कहा था, जिसमें मुंबई में बार और रेस्तरां से 40-50 करोड़ रुपये शामिल थे। इस 100 करोड़ में से 40 से 45 करोड़ रुपये कथित रूप से होटल, बार और रेस्तरां से निकाले जाने थे। यह 20 मार्च को मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे गए पत्र में सामने आया।
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अपने पत्र में, परमबीर सिंह ने ठाकरे को लिखा था कि देशमुख के गृह मंत्री होने के नाते वाजे और पाटिल को मुंबई में एक महीने में 100 करोड़ रुपए एकत्र करने का निर्देश दिया। सिंह को इसके बारे में वाजे और पाटिल द्वारा सूचित किया गया था। जिसके बाद इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली गई और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इस मामले में बांबे हाईकोर्ट में लाया गया।