
रमजान में संघर्ष विराम के ऐसे मिले परिणाम, कश्मीर पर बड़ा फैसला ले सकती है मोदी सरकार
नई दिल्ली। महबूबा मुफ्ती की अपील पर रमजान में आतंकियों के खिलाफ सैन्य ऑपरेशन रोकने के सकारात्मक नतीजे देखने को मिले हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी सरकार के इस कदम ने स्थानीय लोगों में भावनात्मक स्तर पर काफी जगह बनाई है। ऐसे में खबर मिली है कि सरकार संघर्ष विराम को और आगे बढ़ा सकती है। सुरक्षा एजेंसियों के साथ-साथ सियासी हलकों में भी इस कदम को आगे बढ़ाने पर मंथन जारी है। रिपोर्ट्स की मानें तो पाकिस्तानी आतंकियों की ओर से कोई बड़ा हमला ना होने की स्थिति में मौजूदा व्यवस्था को जारी रखा जा सकता है।
रमजान में संघर्ष विराम के ऐसे रहे नतीजे
प्राप्त जानकारी के मुताबिक रमजान के पवित्र महीने में सुरक्षा बलों ने ना तो कोई सर्च ऑपरेशन चलाया और ना ही किसी रिहायशी इलाके को खाली करवाया। हालांकि जंगल के इलाकों में तीन पलटवार जरूर हुए हैं जिनमें आठ आतंकी ढेर हुए। नतीजतन इस दौरान सुरक्षा बलों और स्थानीय नागरिकों के बीच कोई झड़प नहीं हुई है। एक महीने में पत्थरबाजी की घटनाएं 90 फीसदी तक कम हुई हैं।
आतंकियों के लिए यह है प्लान
घाटी में अभी भी पाकिस्तानी आतंकियों की घुसपैठ जारी है और इसी के मद्देनजर सरकार विचार कर रही है कि सेना और सुरक्षा एजेंसियां आतंकी गतिविधियों की खुफिया सूचना के आधार पर पहले की तरह कार्रवाई करें।
ये हैं स्थानीय लोगों की समस्याएं
आतंकियों से निपटने के लिए सैन्य ऑपरेशन के दौरान संबंधित इलाकों में बिजली और पानी की सप्लाई रोकनी पड़ती है ताकि ज्यादा बल प्रयोग से स्थानीय लोगों को नुकसान ना हो। लेकिन इन कदमों से रोजमर्रा की जिंदगी बहुत प्रभावित होती थी। अक्सर पत्थरबाजों और सैन्य बलों में संघर्ष के चलते स्कूल, बाजार आदि बंद हो जाते हैं।
Published on:
10 Jun 2018 06:09 pm
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
