
नई दिल्ली। फेसबुक ने चार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी में चुनावों के मद्देनजर नफरत फैलाने वाले संदेशों की पहचान शुरू कर दी है। इसके तहत ऐसे संदेशों को पहचानकर हटाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए सोशल मीडिया थर्ड पार्टी का भी सहारा ले रही है।
पश्चिम बंगाल और असम में चुनाव का पहला चरण 27 मार्च को हो चुका है। वहीं केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में 6 अप्रैल को चुनाव होंगे। चुनाव परिणाम 2 मई को घोषित किए जाने हैं। पश्चिम बंगाल में आठ चरण और असम में मतदान के दो और दौर अभी बाकी हैं।
एक सक्रिय तकनीक में निवेश किया गया है
फेसबुक पर 400 मिलियन उपयोगकर्ताओं हैं। इसके साथ भारत को वह अपना सबसे बड़ा बाजार बताता आया है। सोशल मीडिया का कहना है कि नियमों का उल्लंघन करने वाली सामग्री को फैलने से रोकने के लिए एक सक्रिय तकनीक में निवेश किया गया है। सोशल मीडिया के अनुसार जल्द नफरत फैलाने वाले भाषणों से जुड़े नए शब्दों की पहचान की जाएगी। इसके लिए नई तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है।
कंपनी ने अपनी नीतियों का बार-बार उल्लंघन करने वाले खातों से सामग्री के वितरण को रोकने भी वादा किया है। गलत सूचनाओं से निपटने के लिए सोशिल मीडिया ने आठ थर्ड पार्टियों को इस कम पर लगाया है। इनका काम होगा कि ये सभी फैक्ट्स को जांचकर इसे रोकने में मदद करेंगी। इसके साथ ऐसे यूजर की पहचान भी करेंगी।
नफरत और भड़काने वाले बयानों को रोकने का प्रयास
इससे पहले हुए चुनावों में भी फेसबुक नफरत और भड़काने वाले बयानों को रोकने का प्रयास करता रहा है। चुनाव में कई बार इसके माध्यम से आचार सहिंता के उल्लंघन के मामले भी सामने आए हैं। सोशल मीडिया पर इन दिनों चुनाव से संबंधि कई अपात्तिजनक जानकारियां सामने आ रही हैं। इसे लेकर चुनाव आयोग ने भी सख्त रवैया अपनाया हुआ है।
Published on:
31 Mar 2021 06:12 pm
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