
नई दिल्ली। रानी झांसी रोड (Rani Jhansi Road) स्थित अनाज मंडी (Anaj Mandi) का अग्निकांड दिल दहला देने वाला है। एक के बाद एक परत दर परत सूचनाएं सामने आ रहीं हैं। बताया जा रहा है कि इमारत में बनी फैक्ट्री का मुख्य द्वारा बंद था। दमकलकर्मियों ने खिड़की का जाल काटकर लोगों को बचाया है। इस फैक्ट्री में एक ही गांव के 30 लोग सो रहे थे। इसमें प्लास्टिक से बैग बनाए जाते थे। इस मकान में बनी फैक्ट्री में बारह से 15 मशीनें लगी हैं।
जिस पांच मंजिला इमारत की बात हो रही है, वह यामीन नाम के शख्स की है। उसने पूरी बिल्डिंग को किराए पर दे रखी थी। सूत्रों की मानें तो यहां काम करने के बाद सभी मजदूर यहीं पर सो जाते थे। इमारत से बाहर निकलने के लिए एक ही रास्ता है। जिस समय आग लगी उस वक्त मुख्य दरवाजे का शटर बंद था और अंदर लोग सो रहे थे। ऐसे में वे लोग भाग भी नहीं सके। अब तक करीब 43 लोगों की मौत दम घुटने से हुई। इस हादसे में कई लोग गंभीर रूप से झुलस गए।
अस्पतालों में अपने संबंधियों को खोज रहे परिजन
फैक्ट्री में काम कर रहे लोगों के रिश्तेदार और स्थानीय लोग घटनास्थल की ओर भाग रहे थे। आग की चपेट में आए लोगों के परेशान परिवार विभिन्न अस्पतालों में अपने संबंधियों को खोज रहे थे। मृतकों और झुलसे लोगों को एलएनजेपी,हिंदू राव और राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया।
नहीं मिल रही है जानकारी
बिहार के बेगूसराय के रहने वाले 23 वर्षीय मनोज के अनुसार उनका 18 साल का भाई इस हैंडबैग बनाने वाली फैक्ट्री में काम करता है। मनोज ने कहा कि उनके भाई के दोस्त से उन्हें जानकारी मिली कि वह इस घटना में झुलस गया है। मुझे कोई जानकारी नहीं है कि उसे किस अस्पताल में ले जाया गया है।
Updated on:
09 Dec 2019 07:36 am
Published on:
08 Dec 2019 01:21 pm
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