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फानी चक्रवात: राहत व बचावकार्य के लिए आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल को 1086 करोड़ रूपए की अग्रिम सहायता

कुछ ही घंटों में चक्रवात के तमिलनाडु पहुंचने की आशंका है केवल छह महीने पहले गाजा चक्रवात ने भी मचाई भीषण तबाही प्रशासन ने मछुआरो को समुद्र में जाने से रोका, अलर्ट भी जारी

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फानी चक्रवात,30 अप्रैल से 1 मई के बीच पहुंच सकता है तमिलनाडु, रेड अलर्ट जारी

चेन्नई। फानी चक्रवात से कारगर ढंग से निपटने के लिए एमएचए ने आंध्र प्रदेश, ओडिषा, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल 1086 करोड़ रूपए की वित्तीय सहायता के अग्रिम रिलीज का आदेश दिया है। ये राशि State Disaster Response Fund (SDRF) को रिलीज की जाएगी ताकि फानी तूफान से निपटने के लिए राहत और बचाव कार्य ठीक ढंग से चलाए जा सकें।

नौसेना ने बचाव व राहत कार्य के लिए तैनात किए हवाई जहाज

कुछ ही घंटों में फानी चक्रवात के तमिलनाडु के तटों तक पहुंचने की आशंका के बीच नौसेना भी सक्रिया हो गई है। नौसेना के हवाई जहाज आईएनएस राजली तमिलनाडु के अराककोनम और आईएनएस डेगा आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में नेवल एयरस्टेशनों पर तैनात हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर बचाव कार्य किए जा सकें और फंसे लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाई जा सके। पहुंचाने के लिए टोही, बचाव, हताहत निकासी और हवाई ड्रॉप की जा सके।

29 अप्रैल को फानी के 6 से 24 घंटे में पहुंचने का दिया गया था अलर्ट

इससे पहले 29 अप्रैल को यह संभावना व्यक्त की गई थी कि फानी चक्रवात अगले 6 घंटे में तेज तूफान बन जाएगा और समय बीतने के साथ-साथ अगले 24 घंटे में इसके और भयंकर चक्रवाती तूफान का रूप धारण करने की आशंका व्यक्त की गई है। 1 मई की शाम तक इसके उत्तर-पश्चिम तक पहुंचने की संभावना है औऱ् उसके बाद यह चक्रवात धीरे-धीरे उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा।

मौसम विभाग ने दी थी चेतावनी

आपको बता दें कि 26 अप्रैल को भारतीय मौसम विभाग ने कहा था कि 30 अप्रैल से लेकर 1 मई के बीच फानी चक्रवात तमिलनाडु के उत्तरी तट पर पहुंच सकता है। इसके मद्देनजर राज्य में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया था। चक्रवात के पहुंचने से पहले ही तमिलनाडु और अन्य पड़ोसी दक्षिण भारतीय राज्यों में मौसम के बेहद खराब होने की आशंका व्यक्त की गई थी। करीब छह महीने पहले गाजा चक्रवात से भी भीषण तबाही मची थी।

तमिलनाडु तक सीमित नहीं रहेगा फानी का कहर

मौसम विभाग ने तमिलनाडु और पुडुचेरी में मूसलाधार बारिश होने की संभावना व्यक्त की थी। मछुआरों को अगले कुछ दिनों तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गई। स्थानीय लोगों को भी सुझाव दिया गया था कि वे ऐसे स्थानों पर न जाएं, जहां भूस्खलन की आशंका रहती है। तूफान का असर केवल तमिलनाडु तक सीमित नहीं रहेगा, इसलिए पुडुचेरी, और कर्नाटक के लोगों को भी अलर्ट रहने का सुझाव दिया गया।

आंधी-तूफान से मच सकती है भयंकर तबाही

मौसम विभाग ने बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने की वजह से केरल और अन्य दक्षिणी राज्यों में भारी बारिश की भविष्यवाणी भी की थी। तमिलनाडु में उसी दिन से तेज हवाओं के चलने के आसार बताए गए थे। बताया गया था कि गरजदार बरसात और आंधी-तूफान के साथ 115 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलने वाली हवाएं अपने रास्ते में आने वाले शहरों में भयंकर तबाही मचा सकती हैं। 29 अप्रैल को एर्नाकुलम, इडुक्की, त्रिशूर और मलप्पुरम के लिए एक 'येलो अलर्ट' जारी किया गया था।

अब अगले 6 घंटे में ही फानी चक्रवात की वजह से भयंकर तूफान आने की बात कही जा रही है। आप को बता दें कि नवंबर 2018 में गाजा चक्रवात के तबाही मचाने के बाद प्रदेश की जनता के लिए मौसम के प्रकोप को झेलने का यह दूसरा मौका होगा। तब 40 लोगों की मौत हो गई थी। तमिलनाडु में सरकार अलर्ट हो गई है, ताकि चक्रवात के आने की स्थिति में कम से कम नुकसान हो।


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