
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के पीछे केंद्र सरकार का हाथ।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीनोंa कृषि कानूनों पर रोक लगाने और एक कमेटी गठित करने के बाद भी पंजाब और हरियाणा के किसानों का आंदोलन दिल्ली बॉर्डर पर जारी है। किसान संघों के नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति को मान्यता नहीं दी है। इसके साथ ही समिति के सामने पेश नहीं होंने की भी किसान नेताओं ने घोषणा की है। वहीं आज शाम को किसान तीनों कृषि कानूनों की कॉपी जलाकर लोहड़ी का मनाएंगे।
किसान संघों के नेताओं का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति के सदस्य सरकार समर्थक हैं। किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गठित समिति के सदस्य भरोसे के काबिल नहीं हैं। अभी तक वो लिखते रहे हैं कि कृषि कानून किसानों के हित में है। फिर किसानों का कहना है कि उन्होंने कभी इस बात की मांग नहीं की कि सुप्रीम कोर्ट कानून पर जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए समिति का गठन करे।
आंदोलनरत किसानों का कहना है कि कमेटी के गठन के पीछे केंद्र सरकार का हाथ है। उन्होंने कहा कि हम वैचारिक तौर पर समिति के खिलाफ हैं। प्रदर्शन से ध्यान भटकाने के लिए केंद्र सरकार ने यह तरीका अपनाया है।
Updated on:
13 Jan 2021 07:41 am
Published on:
13 Jan 2021 07:34 am
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