
Farmer Protest: Sant Baba Ram Singh shot and killed in favor of farmer movement
नई दिल्ली। मोदी सरकार ( Modi Government ) की ओर से लागू किए गए तीन कृषि कानूनों ( Farm Law ) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन लगातार 21वें दिन भी जारी है। दिल्ली बॉर्डर ( Delhi Border ) पर सैंकड़ों की संख्या में किसान डटे हुए हैं और लगातार तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
इन सबके बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है। दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर (सिंघु बॉर्डर) पर किसानों के धरने में शामिल 65वर्षीय संत बाबा राम सिंह जी ( Sant Baba Ram Singh Commit Suicide ) ने बुधवार को खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। गोली लगने के बाद उन्हें आनन-फानन में घायल अवस्था में नजदीकी निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
आत्महत्या से पहले उन्होंने एक सुसाइड नोट ( Sucide Note ) भी लिखा है। अपने सुइसाइड नोट में उन्होंने किसान आंदोलन की बात करते हुए किसानों के हक के लिए आवाज बुलंद की है। बता दें कि बाबा राम सिंह करनाल के रहने वाले थे। बाबा राम सिंह के सेवादार गुरमीत सिंह ने घटना की पुष्टि की है। बाबा राम सिंह के न केवल हरियाणा और पंजाब में बल्कि पूरी दुनिया में लाखों की संख्या में अनुयायी हैं।
आत्महत्या से पहले लिखा सुसाइड नोट
आपको बता दें कि बाबा राम सिंह किसानों के समर्थन में धरने पर बैठे थे। उन्होंने आत्महत्या करने से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा है। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा है ‘किसानों का दुख देखा है अपने हक के लिए सड़कों पर उन्हें देखकर मुझे दुख हुआ है.. सरकार इन्हें न्याय नहीं दे रही है.. जो कि जुल्म है.. जो जुल्म करता है वह पापी है.. जुल्म सहना भी पाप है.. किसी ने किसानों के हक के लिए तो किसी ने जुल्म के खिलाफ कुछ किया है.. किसी ने पुरस्कार वापस करके अपना गुस्सा जताया है.. किसानों के हक के लिए, सरकारी जुल्म के गुस्से के बीच सेवादार आत्मदाह करता है.. यह जुल्म के खिलाफ आवाज है.. यह किसानों के हक के लिए आवाज है.. वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरुजी की फतेह..।
फिलहाल इस मामले पर पुलिस की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है। बता दें कि इससे पहले मंगलवार को कुंडली बॉर्डर धरने पर बैठे 42 वर्षीय किसान मक्खन खान का दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। वह पंजाब के मोगा जिले के गांव भिंडर कलां का रहने वाला था। अलग-अलग जगहों पर आंदोलन में शामिल अब तक 11 से अधिक किसानों की मौत अलग-अलग कारणों से हो चुकी है।
Updated on:
16 Dec 2020 08:19 pm
Published on:
16 Dec 2020 07:47 pm
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