
किसान आंदोलन से केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ी।
नई दिल्ली। सरकार और किसानों के बीच बुधवार को 10सें दौर की बैठक के बाद केंद्र ने कृषि कानूनों को एक से डेढ़ साल तक स्थगित करने का प्रस्ताव दिया है। आज इस प्रस्ताव को लेकर सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के किसान संगठनों की बैठक 11 बजे होगी। इसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा दोपहर 2 बजे बैठक कर ये फैसला लेगा कि सरकार के प्रस्ताव को अपनाना है या ठुकराना। कुछ किसान नेताओं का कहा है कि केंद्र का प्रस्ताव सकारात्मक है। हम इस पर विचार कर सकते हैं।
इसके अलावा 22 जनवरी को दोपहर 12 बजे संयुक्त किसान मोर्चा 11वें दौर की बैठक के लिए सरकार के साथ फिर से बैठक करेगा। किसान संगठनों के नेता सरकार को अपना आधिकारिक फैसला उसी बैठक में बताएंगे।
बीच का रास्ता निकालने में जुटी केंद्र सरकार
अभी तक किसान आंदोलन ने सरकार की सियासी तकलीफ बढ़ाई है। ऐसा इसलिए कि समस्या समाधान का रास्ता निकल नहीं रहा है। दूसरी तरफ विपक्ष हमलावार होता जा रहा है। केंद्र का प्रस्ताव बीच का रास्ता निकालने के लिहाज मुफीद माना जा रहा है। इसीलिए सरकार ने किसानों के सामने अब तक सबसे बड़ा प्रस्ताव रखा है।
Updated on:
21 Jan 2021 08:47 am
Published on:
21 Jan 2021 08:43 am
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