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दिल्ली की सीमा पर डटे किसान अपनी मांगों पर अड़े, गृहमंत्री शाह का प्रस्ताव नामंजूर, बुराड़ी को बताया ओपन जेल

Highlights. - किसानों ने कहा- हमारे पास चार माह का राशन, धैर्य की परीक्षा न ले सरकार - जंतर-मंतर या रामलीला मैदान में प्रर्दशन की अनुमति मांगी - दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर भी किसानों का प्रदर्शन जारी  

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Ashutosh Pathak

Nov 30, 2020

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नई दिल्ली.

नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की ओर से दिल्ली के बुराड़ी मैदान पर आंदोलन के ऑफर को दो टूक श दों में ठुकरा कर किसान संघों ने रविवार को कहा कि उन्हें रामलीला मैदान अथवा जंतर-मंतर पर आंदोलन की अनुमति दी जाए, बुराड़ी मैदान ओपन जेल के समान है।

किसानों की सरकार को चेतावनी

किसान संघों ने सरकार को चेताया कि उनके पास चार महीने का राशन है, सरकार उनके धैर्य की परीक्षा न ले। सिंघु बॉर्डर पर ही आंदोलन जारी रहेगा। किसानों ने दिल्ली आने वाले पांच एंट्री पॉइंट की घेराबंदी की चेतावनी भी दी। आंदोलन के कारण टीकरी बॉर्डर पर दस किमी लंबा जाम लग गया है।

सक्रिय हुई सरकार, नड्डा के घर बैठक

किसान आंदोलन को लेकर रविवार देर रात भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर बैठक हुई। इसमें गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे। इससे पहले हैदराबाद में गृहमंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया कि उन्होंने किसान आंदोलन को कभी भी राजनीतिक नहीं कहा

नया कानून किसान हितैषी - मोदी

मोदी ने कृषि कानूनों को किसान हितैषी बताया। उन्होंने महाराष्ट्र के धुले जिले के किसान जितेंद्र भोइजी का उदाहरण देकर बताया कि कैसे उन्होंने नए कानून का फायदा उठाकर अपना बकाया वसूल कर लिया। नए कानून में 3 दिन के अंदर पूरा पेमेंट करना पड़ता है सुधारों से किसानों के कई बंधन खत्म हुए हैं। नए अधिकार और नए अवसर भी मिले हैं। कृषि की पढ़ाई कर रहे छात्र किसानों को सुधारों व आधुनिक कृषि को लेकर जागरूक करें। नए कानूनों से किसानों की बरसों से लंबित चल रही मांगें पूरी हुईं।