15 दिसंबर को सीपीडब्ल्यूडी के एई जयराम ने आरके पुरम थाने में एफआईआर दर्ज कराई और शिकायत में लिखा कि आरके पुरम में झुग्गियां हटाने का काम शांतिपूर्वक चल रहा था, तभी आप की विधायक प्रमिला टोकस और उनके पति कार्यकर्ताओ के साथ वहां आ गए और काम को रुकवा दिया और भीड़ को भड़काने लगे जबकि उन्हें बताया गया था कि ये अनधिकृत है, उनके कार्यकर्ताओं ने मुझे घेर लिया और महिलाओं को मुझे मारने का आदेश दिया।
कार्यकर्ताओं ने सरकारी काम में बाधा डाली और मेरे साथ मारपीट की। इस मामले में पुलिस ने शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 353,332,186 और 34 के तहत मामला दर्ज किया है। साफतौर पर आरोप आप की विधायक और उनके पति समेत अन्य कार्यकर्ताओं पर लगाए गए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।