आस-पास के टैंकों की कूलिंग की गई आईएमसी टर्मिनल के अधिकारियों के अनुसार- “वर्तमान में डीपीटी फायर ब्रिगेड सेक्शन, आईएमसी टीम और दूसरे एसोसिएटेड टर्मिनलों की ओर से आग बुझाने का काम किया गया। “अधिकारियों ने यह भी कहा कि आग नहीं फैले यह सुनिश्चित करने के लिए आसपास के टैकों की कूलिंग भी की जा रही है।
पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना बता दें, साल 2002 में इसी तरह की दुर्घटना केसर टर्मिनल में हुई थी और इसे नियंत्रित करने में तीन दिन लग गए थे और उस समय पूरा कांडला परिसर खाली कराया गया था।