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बाढ़ प्रभावित केरल में अब फैला ‘नागराज’ का डर, अस्पतालों से कहा गया तैयार रहने को

केरल ने अलर्ट जारी किया है कि बाढ़ पीड़ित लोग अब सतर्क हो जाएं क्योंकि सांपों के डसने का खतरा बढ़ गया है।

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तिरुवनंतपुरम। केरल में आई भयावह बाढ़ के बाद अब बारिश बंद होने से पानी का स्तर थोड़ा कम होना शुरू हो गया है। लोग राहत शिविरों से अपने घरों की ओर वापस जाने लगे हैं। लेकिन इस बीच राज्य में 'नागराज' का डर फैल गया है। केरल ने अलर्ट जारी किया है कि बाढ़ पीड़ित लोग अब सतर्क हो जाएं क्योंकि सांपों के डसने का खतरा बढ़ गया है।

रिपोर्ट्स में बताया गया है कि बाढ़ के दौरान अपने बिलों में छिपे सांप उनमें से बाहर आ जाते हैं। यानी बाढ़ के दौरान बिलों से बाहर निकले सांपों के अब घरों में रखी अलमारियों, दरी-चटाई के नीचे, कपड़ों के बीच या वाशिंग मशीन-फ्रिज आदि में छिपे होने की पूरी संभावना है।

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मीडिया से बातचीत में राज्य सरकार के प्रवक्ता सुभाष टीवी ने कहा, "बाढ़ से प्रभावित तमाम घरों में सांप पाए गए हैं और उन लोगों के लिए अब पूरी सावधानी बरतने की चेतावनी जारी कर दी गई है जो अब अपने घरों में वापस लौट रहे हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "अस्पतालों को भी इस हालात से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहने को कहा गया है। निर्देश दिए गए हैं कि वो सांप के काटने से परेशान मरीजों के इलाज के लिए सभी सुविधाएं बनाकर रखें। जहर-रोधी और अन्य जरूरी दवां को सभी अस्पतालों में रखवा दिया गया है, विशेषकर बाढ़ प्रभावित इलाकों में।"

स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित उत्तरी और केंद्रीय केरल के तमाम अस्पतालों में सांप के काटने से पीड़ित मरीजों की संख्या में काफी ईजाफा हुआ है। राज्य सरकार और वन विभाग विशेषज्ञों की टीमें बनाई गई हैं जो उन घरों में मदद के लिए जा रही हैं जहां पर सांप पाए गए हैं।

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सरकार ने स्थानीय सपेरों की भी मदद ली है, जिन्होंने राहत शिविरों से अपने घरों में वापस लौटने वाले लोगों को सलाह दी है कि वे अपनी चीजों तक पहुंचने के लिए किसी डंडे का सहारा ले और नंगे हाथों से किसी भी घरेलू सामान को न छुएं।

गौरतलब है कि केरल में आई सदी की सबसे भीषण बाढ़ से लाखों लोग प्रभावित हुए हैं और 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। सरकार के मुताबिक 10 हजार किलोमीटर से ज्यादा सड़क नष्ट हो चुकी है, जबकि एक विधायक ने कहा कि 50 हजार से ज्यादा घर बह गए हैं।