
नई दिल्ली।
तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में बीते करीब तीन महीने से किसानों का आंदोलन जारी है। सरकार को चेतावनी देने के लिए और अपनी मांगें मनवाने के लिए किसान अलग-अलग तरकीबेे निकालते रहे हैं, मगर सरकार अपने फैसले से पीछे हटती नहीं दिख रही। इस बीच, किसानों ने विरोध को लेकर एक नया तरीका अपनाना शुरू कर दिया है। हालांकि, यह तरीका भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत की सलाह पर अपनाना शुरू किया है, मगर यह देश और किसान दोनों के लिए घातक साबित हो सकता है।
किसान ने मानी राकेश टिकैत की सलाह
इस बीच, हरियाणा में एक किसान ने सरकार को चेतावनी देने और अपनी मांगें मनवाने के लिए अनोखा तरीका अपनाया। दरअसल, दादरी क्षेत्र के गांव ढाणी फोगाट के किसान राजेंद्र ने मटर की अपनी लहलहाती फसल को ट्रैक्टर चलाकर कुछ ही देर में नेस्तनाबूत कर दिया। राजेंद्र सिंह का यह भी कहना है कि सरकार उनकी फसल के बदले उचित दाम नहीं दे रही थी, जिसकी वजह से उन्हें मजबूरन अपनी खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलाना पड़ा। राजेंद्र ने बताया कि देशभर में किसान आंदोलन कर रहे हैं, मगर सरकार किसी की सुन नहीं रही। राजेंद्र के मुताबिक, फसल नष्ट करने को लेकर मेरे मन में विचार राकेश टिकैत की इस सलाह से आया था कि अपने खाने के लिए अनाज छोडक़र बाकि पर ट्रैक्टर चला दें। उनकी इस बात को मानते हुए मैंने अपनी करीब दो एकड़ की मटर की तैयार फसल पर ट्रैक्टर चलाकर उसे नष्ट कर दिया।
परिवार ने भी साथ दिया
राजेंद्र सिंह के अनुसार, मेरे परिवार ने भी इस विरोध में मेरा साथ दिया। वे भी तीनों कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। मेरी करीब दो एकड़ मटर की फसल तैयार थी। इसे बेचने की तैयारी कर रहा था, लेकिन किसानों का समर्थन करने के लिए इसे बेचने की जगह नष्ट करना ज्यादा ठीक लगा। राजेंद्र की बेटी मीनल के मुताबिक, आज मटर की फसल पर टै्रक्टर चलाया है। भविष्य में परिवार के जरूरी गेहूं निकालकर उस फसल पर भी टै्रक्टर चलाकर नष्ट कर देंगे।
Published on:
26 Feb 2021 09:16 am
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
