19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कर्जमाफी के नाम पर फ्रॉड: बैंकों की लिस्ट में एक ही आधार संख्या के लाखों किसान, बड़े घोटाले की आशंका

राष्ट्रीय बैंकों, कोआपरेटिव सोसाइटियों के खातों की जानकारी में भारी गड़बड़ी

2 min read
Google source verification

मुंबई। महाराष्ट्र में किसानों को कर्जमाफी के नाम पर एक बार फिर धोखा मिला है। खबर है कि महाराष्ट्र में बैंकों ने जिन किसानों को कर्ज दिया है, उनकी लिस्ट में लाखों किसान ऐसे हैं जिनके आधार नंबर एक ही हैं। एक बैंक से जो जानकारी दी गई है, उसके मुताबिक लगभग 2.5 लाख किसानों को कर्जमाफी योजना का लाभ दिया गया है। लेकिन इसी के साथ इसी बैंक से लाखों किसानों पर अभी भी कर्ज बकाया होने की बात कही गई है। जाहिर है कि इन आंकड़ों से कर्जमाफी योजना में किसी बड़े घोटाले के होने की आशंका उत्पन्न हो गई है।

अगर आधार संख्याओं पर ही नजर डालें तो पहली ही नजर में किसी बड़ी अनियमितता का मामला सामने नजर आता है। दिलीप रामचंद्र नाम के एक किसान की आधार संख्या 111111110157 और उसके बैंक खाते की संख्या 11111111111 बताई गई है। वहीं एक अन्य किसान बालकृष्ण की आधार संख्या 111111110157 और उसके बचत खाते की संख्या 11111111111 दर्ज की गई है। यानी पहली ही नजर में मामला संदिग्ध नजर आता है।
ऐसा नहीं है कि यह मामला किसी एक या दो किसान के साथ हुआ है। बैंक के आंकड़ों पर नजर डालेंगे तो यह दिखाई पड़ता है लाखों किसानों के साथ ऐसा हुआ है। ऐसा अनजाने में तो नहीं हो सकता।

राज्य सरकार को जो जानकारी भेजी गई है, उसमें 253 किसान ऐसे हैं जिनकी आधार संख्या 100000000000 है। मोहन आनंद पाटिल नाम के एक ऐसे ही किसान का नाम सामने आया है जो उक्त आधार संख्या से रजिस्टर किया गया है।

लगभग पचास किसानों के आधार कार्ड की संख्या 11111111111 दर्ज की गई है। कृष्ना पांडुरंग मात्रे एक ऐसे ही किसान हैं जो इस नंबर से आधार कार्ड रखते हैं, तो उन्हीं के जैसे संगीता मोहन यादव और चंद्रकांत काशीनाथ देशमुख भी यही आधार नंबर रखते हैं। इस तरह पहली ही नजर में बोगस दिखने वाले नंबरों के आधार कार्ड वाले किसानों के नाम न सिर्फ स्थानीय बैंकों, कोआपरसोसाइटियों के द्वारा दिए गए हैं, बल्कि राष्ट्रीयकृत बैंकों ने भी राज्य सरकार को ऐसे ही आंकड़े उपलब्ध करवाए हैं।