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जर्मनी के स्टाइनबाईस यूनिवर्सिटी ने शुरू किया ग्लोबल टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट में मास्टर्स

locationनई दिल्लीPublished: Nov 24, 2017 11:27:58 pm

Submitted by:

Rahul Chauhan

कोर्स के अंतर्गत आईवोरी एजूकेशन विश्वविद्यालयों सरकारी व निजी इंस्टीट्यूशंस और अन्य संस्थानों के साथ मिलकर इस कार्यक्रम को सफल बनाने का कार्य करेगा।

Steinabise University
नई दिल्ली। जर्मनी के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय स्टाइनबाईस यूनिवर्सिटी बर्लिन ने ग्लोबल टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट में मास्टर्स डिग्री की शुरुआत की है। इस कोर्स को पूरी तरह एशिया के लिए ही डिज़ाइन किया गया है जिससे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाये गए मेक इन इंडिया अभियान के तकनीकी ढांचे को सुदृढ़ और विकसित करने में मदद मिलेगी। यह कोर्स स्टाइनबाईस ग्लोबल इंस्टीट्यूट ट्युबीनगन एसजीआईटी जर्मनी के द्वारा संचालित किया जाएगा। साथ ही आईवोरी एजूकेशन के सहयोग से पूरे एशिया में इसे विस्तारित भी किया जाएगा।
इस कोर्स के अंतर्गत आईवोरी एजूकेशन विश्वविद्यालयों सरकारी व निजी इंस्टीट्यूशंस और अन्य संस्थानों के साथ मिलकर इस कार्यक्रम को सफल बनाने का कार्य करेगा। साथ ही यह तकनीकी छात्र प्रबंधन और मार्केटिंग में सहायता देने का काम भी करेगा।
यह ग्लोबल टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट के क्षेत्र में अभी तक की पहली ऐसी मास्टर्स डिग्री है जिसमें आधुनिक शिक्षा प्रक्रिया के साथ तकनीकी प्रबंधन और मार्केटिंग को रणनीतिक ढांचा प्रदान किया जाएगा। इस रोजगार युक्त स्टडी कोर्स के ढांचे में एक ठोस तकनीकी प्रोजेक्ट को तब्दील किया जाएगा। जैसे कि नैनो टेक्नोलॉजीए मेडिसिनए बायोटेक्नोलॉजी आईटी कंस्ट्रक्शन आदि। इस प्रोजेक्ट में विदेशों में उत्पादन के कारखाने लगाना, नई उत्पादन प्रक्रिया का इस्तेमाल करना, अंतर्राष्ट्रीय सेवा संस्थान की स्थापना करना, आईटी प्रोजेक्ट्स को अमल में लाना, उत्पादन प्रक्रिया का बेहतर तरीके से प्रयोग करना या कंपनी में नॉलेज मैनेजमेंट का उपयोग करना आदि शामिल होगा।
एसजीआईटी और प्रोग्राम के निदेशक प्रोण् बरट्राम लोहमुलर का कहना है कि श्मेक इन इंडिया एक ऐसी सशक्त पहल है जिसमें भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में उचित जगह बनाने की ताकत है। इस प्रोग्राम के द्वारा हम पेशेवर लोगों और कंपनीज़ को ग्लोबल टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट के क्षेत्र में उत्कृष्टता विकसित कराने का प्रयास करेंगे। आईटी के क्षेत्र में पूरे विश्व में भारत की भूमिका काबिल ए तारीफ है।
इसके द्वारा जिन क्षेत्रों से भारतीय कंपनीज़ को फायदा होता हैए उनमें तकनीकी उत्कृष्टता विकसित करने में भी मदद मिलेगी। इस कोर्स की फीस को भी न्यूनतम रखा गया है। इस दो साल के कोर्स को अंग्रेजी भाषा में कराया जाएगा। चूंकि यह एक जर्मन मास्टर्स डिग्री है इसीलिए जो लोग जर्मनी में काम करने के इच्छुक हैं उन्हें उदार वीजा नीति का फायदा भी मिल सकता है। यह कोर्स अक्टूबर 2017 से पूरे एशिया में संचालित हो जाएगा।
आईवोरी एज्युकेशन प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंधक निदेशक कपिल रामपाल का कहना है कि इस कोर्स को विकसित करने के लिए पिछले तीन सालों से एसजीआईटी के साथ काम कर रहे हैं। प्रतिभागी अपनी नौकरी छोड़े बिना ही जर्मन मास्टर डिग्री के साथ ग्लोबल टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट में ज्ञान और उत्कृष्टता प्राप्त कर सकते हैं। इस कोर्स को पूरा करने के लिए जर्मनी में रूकने का समय भी हमने बहुत कम रखा है।
स्टाइनबाइस पिछले 30 सालों से तकनीकी शिक्षा के ज्ञान को प्रसारित करने में अपनी पहचान बनाए हुए है। वर्तमान में यहां 7000 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। इस यूनिवर्सिटी ने 1000 से ज्यादा एंटरप्राइजेज के साथ अपने नेटवर्क का विस्तार किया हुआ है। तकनीकी प्रबंधन और व्यवसाय के क्षेत्र में इसके 6000 से ज्यादा विशेषज्ञ ज्ञान को विकसित करने में लगे हुए हैं।
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