
Ghazipur Border: राकेश टिकैत के लिए उनके गांव से आया छाछ और पानी, किसान बोले- बहा देंगे गाजियाबाद
नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस ( Republic Day ) के मौके पर हुई हिंसा के बाद से जहां एक तरफ बॉर्डर पर तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई थी, वहीं अब धीरे धीरे फिर से किसानों में एक नया जोश पैदा हो गया है। गाजीपुर, सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर 26 जनवरी की घटना के बाद से प्रशासन द्वारा भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया, जिसके बाद से किसानों में डर बैठा और बॉर्डर से धीरे धीरे किसान वापस अपने गांव जाने लगे। गाजीपुर बॉर्डर ( Ghazipur border ) पर गुरुवार शाम तक किसानों की संख्या में कमी देखने को मिली तो शुक्रवार होते ही किसानों की संख्या फिर से बढऩे लगी है। शुक्रवार सुबह देश की अलग-अलग जगहों से हजारों की तदाद में गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे। इस बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता ( National spokesman of Bharatiya Kisan Union Rakesh Tikait ) और किसान नेता राकेश टिकैत के लिए उनके गांव से पानी और छाछ लाया गया।
पीने का पानी और मठ्ठा लाया गया
आपको बता दें कि गुरुवार को जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर गाजियाबाद के डीएम और कप्तान गाजीपुर बॉर्डर को खाली कराने पहुंचे तो वहां मंच से किसानों को संबोधित कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत ने धरना स्थल खाली करने से साफ मना कर दिया। राकेश टिकैत ने कहा कि इस दौरान अगर उनके या धरना स्थल पर मौजूद किसी भी किसान के साथ जबरदस्ती की गई तो वह आत्महत्या कर लेंगे। इसके साथ ही राकेश टिकैत ने यह भी कहा कि जब तक उनके गांव से कोई उनके लिए पानी लेकर नहीं आता तो अनशन पर रहेंगे। दरअसल, राकेश टिकैत का यह बयान तब आया जब यूपी और दिल्ली पुलिस ने धरना स्थल पर किसानों को दी गईं सुविधाओं को वापस ले लिया और वहां पानी की सप्लाई आदि पर रोक लगा दी। इस कड़ी में श़क्रवार सुबह राकेश टिकैत के गांव से उनके लिए पीने का पानी और मठ्ठा लाया गया, जिसको पीकर उन्होंने अपने अनशन समाप्त किया। इस दौरान किसान नेताओं ने कहा कि उनके पास इतना पानी है कि पूरे गाजियाबाद को बहा देेंगे।
राकेश टिकैत की आंखों में आए आंसू
वहीं, गुरुवार शाम भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की आंखों में आए आंसू ने आंदोलन को एक नई धार दे दी है। बॉर्डर पर किसानों में इस बात का आक्रोश है कि हमारे नेता की आंखों में आंसू प्रशासन के कारण आए हैं। उनका कहना है कि भले ही जान चली जाए लेकिन अब ये आंदोलन खत्म नहीं होगा। गुरुवार शाम गाजियाबाद प्रशासन गाजीपुर बॉर्डर पहुंच कर राकेश टिकैत से धरना स्थल खाली करने को कहा, लेकिन बातचीत के दौरान टिकैत को पता लगा कि यहां एक बड़ी साजिश रची जा रही है जिसके बाद उन्होंने मंच से ही प्रशासन पर गम्भीर आरोप लगा दिए। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में टिकैत के मंच के भाषण के बाद से किसानों के अंदर आक्रोश दिखा और जो किसान बॉर्डर से वापस जा रहे थे, वो अचानक वापसी का प्लान बनाने लगे।
Updated on:
29 Jan 2021 04:40 pm
Published on:
29 Jan 2021 04:23 pm
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
