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एमसीडी के कमाई का नया जरिया बनेगा ग्‍लास हाउस, कुतुब मीनार से भी ऊंची ईमारत से दिखाएगा दिल्‍ली

दूरबीनें इतनी प्रभावशाली होगी कि यहां से आसानी से जामा मस्जिद, लोटस टेंपल, कुतुब मीनार, लालकिला, यमुना नदी, सिग्नेचर ब्रिज व कनॉट प्लेस को देखा जा सकेगा।

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एमसीडी के कमाई का नया जरिया बनेगा ग्‍लास हाउस, कुतुब मीनार से भी ऊंची ईमारत से दिखाएगा दिल्‍ली

नई दिल्ली : दिल्‍ली नगर निगम की आर्थिक स्थिति अच्‍छी नहीं है। इसीलिए वह अपनी आय बढ़ाने के लिए तरह-तरह के उपाय कर रहा है। अब दिल्‍ली के उत्तरी नगर निगम राजस्व बढ़ाने के लिए अनोखा तरीका अपनाने जा रहा है। उसने निगम के सिविक सेंटर पर एक ग्लास हाउस बनाकर लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने का निर्णय लिया है। यह सिविक सेंटर उसका मुख्‍यालय भी है। इस पर ग्‍लास हाउस बनाकर वह इसे सैलानियों के लिए खोलेगा। बताया जा रहा है कि यह ग्‍लास हाउस कुतुब मीनार से भी ऊंचा होगा। निगम के इस योजना को गुरुवार को होने जा रही स्थायी समिति की बैठक में मंजूरी मिल जाने की उम्मीद है। फिलहाल निगम ने अपना राजस्‍व बढ़ाने के लिए तीन ब्‍लॉक आयकर विभाग को पट्टे पर दे रखे हैं।

दूरबीनें लगाई जाएंगी
निगम की योजना ग्‍लास हाउस बनाकर इससे इनकम करने की है। निगम का इरादा इस ग्‍लास हाउस को ऐसा बनाने का है कि यहां से सैलानी पूरी दिल्‍ली का नजारा ले सकें। इस योजना के तहत सिविक सेंटर की छत को पूरी तरह से शीशों से घेरा जाएगा और यहां से पूरी दिल्‍ली का दीदार किया जा सके, इसके लिए दूरबीनें भी लगाने की योजना है। दूरबीनें इतनी प्रभावशाली होगी कि यहां से आसानी से जामा मस्जिद, लोटस टेंपल, कुतुब मीनार, लालकिला, यमुना नदी, सिग्नेचर ब्रिज व कनॉट प्लेस को देखा जा सकेगा।

रेस्‍तरां भी होगा इसमें
इस ग्लास हाउस में रेस्तरां भी बनाया जाएगा, ताकि दिल्‍ली दर्शन के लिए यहां आने वाले सैलानियों के खाने-पीने का भी इंतजामात मिल सके। उल्लेखनीय है कि सिविक सेंटर की ऊंचाई 101 मीटर है। यह कुतुब मीनार से 28 मीटर ऊंची है। यह सिविक सेटर 28 फ्लोर का है। 28वें मंजिल पर एक और खतरा यह आता था कि इसकी छत पर खड़े होने पर काफी तेज हवाओं का सामना करना पड़ता था। यहां सुरक्षित खड़े रहना भी बड़़ी चुनौती है। इसलिए भी निगम चाहता है कि इसे शीशे से कवर कर दिया जाए, ताकि थपेड़ों का सामना न करना पड़े।

अभी सिविक सेंटर की छत पर है हेलीपैड
निगम का मुख्यालय दिल्‍ली के रामलीला मैदान के ठीक सामने बना हुआ है। इसके बेसमेंट में पार्किंग है। तेज गति से चलने वाली लिफ्ट भी लगी है। यहां जिस तरह के हेलीकॉप्टर उतारे जा सकते थे, वह अब भारत में बंद हो चुके हैं। इसलिए निगम यहां पर ग्लास हाउस बनाकर लोगों को दिल्ली दर्शन कराने की योजना पर काम कर रहा है। बेसमेट में पार्किग है। साथ ही तेज गति से चलने वाली लिफ्ट भी हैं। इस मुख्यालय की छत पर हेलीकॉप्टर उतारने की भी सुविधा थी, लेकिन जिन हेलीकॉप्टर के लिए बनाया गया था वे हेलीकॉप्टर अब भारत में बंद हो चुके हैं। इसकी वजह से निगम यहां पर ग्लास हाउस बनाकर लोगों को दिल्ली दर्शन कराने की योजना पर काम कर रहा है।