scriptबुलेट ट्रेन की राह और भी मुश्किल, जमीन अधिग्रगण को लेकर गोदरेज समूह पहुंचा कोर्ट | Godrej Group reaches court over bullet train land acquisition | Patrika News

बुलेट ट्रेन की राह और भी मुश्किल, जमीन अधिग्रगण को लेकर गोदरेज समूह पहुंचा कोर्ट

Published: Jul 10, 2018 10:51:16 am

Submitted by:

Shivani Singh

बुलेट ट्रेन के लिए मुंबई और अहमदाबाद बीच 21 किलोमीटर ट्रैक अंडरग्राउंड बिछाए जाने की योजना है। अंडरग्राउंड टनल के लिए गोदरेज समूह की विक्रोली स्थित कंपनी की जमीन आती है, जिसे वह नहीं देना चाहता। इसके लिए उसने सरकार के खिलाफ कोर्ट में अपील की है।

bullet train

बुलेट ट्रेन की राह और भी मुश्किल, जमीन अधिग्रगण को लेकर गोदरेज समूह पहुंचा कोर्ट

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी की महत्वकांक्षी परियोजना बुलेट ट्रेन के अस्तित्व में आने में अब और समय लग सकता है। लोगों का बुलेट ट्रेन में बैठने का सपना वैसे तो पहले से ही लेट है लेकिन अब इस सपने को पूरा होने में और वक्त लगने की संभावना है और इसके पीछे वजह बना है गोदरेज समूह।

यह भी पढ़ें

जानिए कितना अहम है किम जोंग उन का रूसी दौरा

21 किलोमीटर ट्रैक अंडरग्राउंड बिछाए जाने की योजना

दरअसल, बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए मुंबई और अहमदाबाद बीच 508.17 किलोमीटर लंबा रेल ट्रैक बिछाया जा रहा है। इसमें 21 किलोमीटर ट्रैक अंडरग्राउंड बिछाए जाने की योजना है। लेकिन अंडरग्राउंड टनल के एंट्री प्वाइंट्स में से एक गोदरेज की विक्रोली स्थित कंपनी की जमीन आती है। सरकार विक्रोली में गोदरेज समूह की जमीन का अधिग्रहण करने की योजना बना रही है, लेकिन गोदरेज अपनी जमीन देना नहीं चाहता। इसके लिए समूह ने सरकार के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

गोदरेज समूह की बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील

बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील करते हुए गोदरेज समूह ने कहा, ‘अदालत संबंधित प्राधिकरण से इस परियोजना के प्लान में बदलाव करने के आदेश दे, जिसके बाद उसकी इन्फ्रास्ट्रक्चर आर्म गोदरेज कंस्ट्रक्शन की लगभग 8.6 एकड़ जमीन अधिग्रहण से बाहर आ सके।’ बता दें कि गोदरेज की अपील पर 31 जुलाई को सुनवाई की ख़बर है । गोदरेज की तरफ से यह अपील पिछले महीने दाखिल की गई थी।

यह भी पढ़ें

केजरीवाल का एलजी को एक और खत, सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू करने की अपील की

सरकरा जबरन ले सरकती जबरन जमीन

वहीं, गोदरेज समूह के विरोध से ऐसी संभावना जताई जा रही है कि परियोजना से जुड़ी कंपनियों को बुलेट ट्रेन का रास्ता बदलना पड़ सकता है। वही, अगर ऐसा नहीं हुआ तो सरकार को महाराष्ट्र भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को धयान में रखते हुए भूमि को जबरन अधिग्रहण करना पड़ेगा। बता दें कि गुजरात और महाराष्ट्र के किसान भी बुलेट ट्रेन परियोजना का विरोध कर रहे हैं। साथ ही भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना और राज ठाकरे की पार्टी मनसे भी परियोजना के विरोध में है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो