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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, पचास हजार सरकारी कर्मचारियों की दी यह बड़ी खुशखबरी

सुप्रीम कोर्ट ने पचास हजार सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला सुनाया है।

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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, पचास हजार सरकारी कर्मचारियों की दी यह बड़ी खुशखबरी

नई दिल्ली।सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा फैसला सुनाया है, जो पचास हजार सरकारी कर्मचारियों को खुशखबरी देने वाली है। कोर्ट का यह फैसला हरियाणा के लिए आया है। दरअसल, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में पक्के हुए करीब 47 सौ कर्मचारियों के साथ ही सरकारी महकमों में लगे करीब 50 हजार कच्चे कर्मचारियों की नौकरी फिलहाल बच गई है। सुप्रीम कोर्ट ने साल 2014 की नियमितीकरण पॉलिसियों को रद करने के पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। गौरतलब है कि हाई कोर्ट ने सभी कच्चे कर्मचारियों को 30 नवंबर तक निकालने का आदेश दे रखा था।

पचास हजार कर्मचारियों को बड़ी राहत

आपको बता दें कि विगत 30 मई को हाई कोर्ट ने हुड्डा सरकार द्वारा साल 2014 में अधिसूचित नियमितीकरण की नीतियों को रद करते हुए निर्देश दिया था कि छह महीने में कच्चे कर्मचारियों को हटाकर पक्की भर्तियां की जाएं। इसके खिलाफ प्रदेश सरकार की ओर से बीते 6 सितंबर को मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग और उच्चतर शिक्षा निदेशक की ओर से जनहित याचिका दायर की गई थी। योगेश त्यागी और अंसुल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए नोटिस जारी की कि अगले आदेश यह जो पुरानी स्थिति है, उसे बरकरार रखा जाए। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से करीब पचास हजार कर्मचारियों के घर में खुशियां लौट आई हैं। सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कर्मचारियों को थोड़ी राहत मिल गई है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल अपने वादे को पूरा करते हुए अध्यादेश लाकर कर्मचारियों की नौकरी बचा सकते हैं।

गौरतलब है कि फैसले से प्रभावित कर्मचारियों की नौकरी बचाने के लिए सर्व कर्मचारी संघ के साथ ही दूसरी यूनियनों ने विधानसभा के मानसून सत्र में बिल लाने का दबाव बनाया था। सरकार इसके लिए तैयार भी हो गई और बाकायदा बिल का ड्राफ्ट कर्मचारी संगठनों को सौंप दिया गया। बाद में सरकार ने विधानसभा में बिल लाने की बजाय हाई कोर्ट के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर दी।