इस संबंध में गृहमंत्री अमित शाह ने सुरक्षा बलों को एक पत्र भी भेजा है। पत्र में कहा गया है कि जवानों के ट्रांसफर में आ रही समस्याओं के निराकरण करने और पूरे सिस्टम में ट्रांसपेरेंसी लाने के लिए एक सॉफ्टवेयर का निर्माण किया गया है। आईटीबीपी, सीआईएसएफ तथा सीमा सुरक्षा बल ने इस सॉफ्टवेयर का प्रयोग आरंभ भी कर दिया है जबकि बीएसएफ, सीआरपीएफ तथा असम राइफल्स इस पर अभी काम कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि हर वर्ष जवानों के ट्रांसफर को लेकर हर वर्ष बहुत बड़ी संख्या में एप्लीकेशन्स रद्द हो जाती है। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 में लगभग 29.5 फीसदी ट्रांसफर से जुड़े आवेदन खारिज कर दिए गए थे। बाद के वर्षों में यह आंकड़ा ज्यादा बढ़ गया जबकि वर्ष 2018 में कुल आवेदनों में से 60 फीसदी से अधिक आवेदन रद्द कर दिए गए थे।
सिक्योरिटी फोर्सेज में जटिल तबादला नीति होने की वजह से जवानों के ट्रांसफर में काफी दिक्कतें आती हैं। हालांकि अधिकारियों के अनुसार इसके लिए एक पूरा सिस्टम बनाया हुआ है। अधिकारी कहते हैं कि बहुत से लोग जो ट्रांसफर के लिए शर्तें पूरी नहीं करते, अथवा उनकी तैनाती का कार्यकाल भी पूरा नहीं हुआ, वे भी अप्लाई कर देते हैं, ऐसे में आवेदन खारिज कर दिए जाते हैं। सॉफ्टवेयर का प्रयोग करने से ऐसी समस्याओं से निजात मिलेगी और जवानों को भी उनकी मनपसंद जगह पर पोस्टिंग मिल सकेगी।