
नई दिल्ली.
कोरोना महामारी से चरमराई अर्थव्यवस्था अगले साल में बेहतर हो सकती है। इसका असर नौकरियों पर भी पड़ेगा। संभावना है कि ई-कॉमर्स, ऊर्जा, वित्तीय संस्थानों और फार्मास्यूटिकल्स में कारोबार करने वाली कंपनियां 2021 में अपने कर्मचारियों को 7.3 फीसदी की औसत वेतन बढ़ोतरी की भी पेशकश करेंगी।
वहीं, नई नौकरियों के अवसर भी खड़े होंगे। कारोबारी गतिविधियों में सुधार को देखते हुए नौकरियों के मामले में 2021 को एक बेहतर साल के तौर पर देखा जा रहा है।
वेतन में भी होगी बढ़ोतरी
वैश्विक पेशेवर सेवा फर्म एओन की रिपोर्ट के मुताबिक 87 प्रतिशत कंपनियों ने कर्मियों का वेतन 2021 में बढ़ाने की योजना बनाई है, जबकि 2020 में 71 फीसदी ने ऐसा करने की योजना बनाई थी। इस साल सितंबर-अक्टूबर में हुए एओन सर्वे में शामिल कंपनियों में से 87 प्रतिशत ने कहा कि वे अगले साल वेतन में वृद्धि करेंगी। इनमें से 61 प्रतिशत ने कहा कि वे 5-10 प्रतिशत के बीच सैलरी में बढ़ोतरी करेंगे।
छह महीने में सुधरेगें कंपनियों के हालात
लिंक्डइन द्वारा हाल ही में जारी किए गए सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में हर पांच में दो यानी 40 फीसदी पेशेवरों को नए साल में नौकरी बढऩे की उम्मीद है। लिंक्डइन सर्वे में शामिल 53 फीसदी पेशेवरों का मानना है कि अगले छह महीने में कंपनियों का प्रदर्शन सुधरेगा। जबकि, 32 फीसदी पेशेवरों को अगले साल वेतन में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
हरफनमौला को ज्यादा मौके
आइएफटीएफ नामक थिंक टैंक और हार्डवेयर कंपनी डेल टेक्नोलॉजीज की हालिया रिपोर्ट के अनुसार भविष्य में समस्या समाधान की क्षमता, लीक से हटकर सोचना और कोलैबोरेशन जैसे कौशल पर फोकस किया जाएगा। इसमें कंपनियों की तरफ से दिया जाने वाला प्रशिक्षण काफी मायने रखेगा। इनमें यह सुनिश्चित किया जाता है कि प्रशिक्षित प्रोफेशनल सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित ना रहे, बल्कि इंडस्ट्री में होने वाले किसी भी बड़े बदलाव के लिए तैयार रहे।
टेक्नोलॉजी सबसे जरूरी
भर्ती करने वाले नए कौशल की मांग कर सकते हैं। एक कौशल यह होगा कि उम्मीदवार टेक्नोलॉजी के मामले में कितना सिद्धहस्त है। कंपनियों की उम्मीदों और लोगों के कौशल में काफी अंतर है। टैलेंट स्प्रिंट के सह संस्थापक और सीईओ डॉ. शांतनु पॉल कहते हैं कि भारत में करीब 40 लाख आइटी प्रोफेशनल हैं, लेकिन इनमें से एक से दो फीसदी ने ही जरूरी एडवांस कोर्स किया है। अगर आइटी सेक्टर की यह हालत है, तो दूसरे सेक्टर की समस्याओं के बारे में सहज कल्पना की जा सकती है।
अस्थाई, ठेके और आउटसोर्सिंग की मांग
ग्लोबल थिंक टैंक गार्टनर का मानना है कि कंपनियां अपनी वर्कफोर्स में लचीलापन बनाए रखने के लिए अस्थाई, ठेके और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती करेंगी। इसके अलावा टैलेंट शेयरिंग भी होगी। यानी एक व्यक्ति कंपनी के अलग-अलग विभागों में काम करेगा। ऐसा एक सेक्टर की अलग-अलग कंपनियों के बीच भी हो सकता है। गार्टनर के वाइस प्रेसिडेंट ब्रायन क्रॉप बताते हैं कि हमारी रिसर्च के अनुसार 32 फीसदी संस्थान खर्च घटाने के लिए पूर्णकालिक कर्मचारियों की जगह अल्पकालिक कर्मचारियों को रख रही हैं।
इन क्षेत्रों में नौकरियों के नए अवसर
- टेक्नोलॉजी (सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर, ऐप)
- ई-कॉमर्स और ऑनलाइन रिटेल
- कृषि (स्टार्टअप, खाद्य प्रसंस्करण)
- हेल्थकेयर (कोविड-19 वैक्सीन)
- एफएमसीजी (डायरेक्ट सेलिंग)
- कंज्यूमर अप्लायंसेज
- मनोरंजन और फैशन
Updated on:
24 Dec 2020 09:42 am
Published on:
24 Dec 2020 09:01 am
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