
सोशल मीडिया से ऐसे लाखों कमा रही यह लडक़ी, आप भी कर सकते हैं ये इनोवेशन
नई दिल्ली। देशभर के कंप्यूटरों पर निगरानी करने के लिए गृह मंत्रालय के 10 केंद्रिय जांच-खुफिया एजेंसियों को अधिकृत किए जाने के बाद अब सरकार ने एक नया फैसला लिया है। इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय सोशल मीडिया केंद्रित आईटी नियमों में संशोधन एक मसौदा लेकर आया है, ताकि सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोका जा सके।
अब मंत्रालय ने इस संबंध में जन सुझाव के लिए नियमावली का यह मसौदा प्रकाशित किया है। इसमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से उनकी सेवाओं का उपयोग करने के लिए यूजर्स के लिए नियम, विनियमन व निजता नीति अनिवार्य रूप से प्रकाशित करने को कहा गया है। मसौदे पर सुझाव देने की अंतिम समय-सीमा 15 जनवरी 2019 तय की गई है।
सरकार की इस नियमावली के मुताबिक, "सेवा प्रदाता (इंटरमीडिएरी) को उसके कंप्यूटर संसाधन (सेवाओं) का किसी व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल करने के लिए नियम, विनियमन, निजता नीति और यूजर एग्रीमेंट का प्रकाशन करना होगा।"
यह नियम और विनियमन, निजता नीति या यूजर एग्रीमेंट प्लेटफॉर्म के यूजर्स को जानकारी देंगे कि वो ऐसी किसी सूचना को होस्ट, डिस्प्ले, अपलोड, मॉडीफाई, पब्लिश, ट्रांसमिट, अपटेट या शेयर नहीं करेंगे, जो
आईटी मानकों के अनुसार, प्लेटफॉर्म को साइबर सुरक्षा की घटनाओं की जानकारी देनी होगी और वह साइबर सुरक्षा की घटनाओं से संबंधित सूचनाएं इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम से साझा करेगा।
इसके अलावा, प्लेटफॉर्म को अपनी वेबसाइट पर शिकायत प्राप्तकर्ता अधिकारी का नाम और उनसे संपर्क का विवरण प्रकाशित करना होगा, ताकि किसी उपयोगकर्ता या पीड़ित कंप्यूटर रिसोर्स का उपयोग करने से कोई नुकसान होने की स्थिति में शिकायत की जा सके।
बताया जा रहा है कि यह नियम फेसबुक, ट्विटर, वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम समेत तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और उनके यूजर्स पर लागू होगा। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस मसौदे का मकसद इंटरनेट पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर लगाम लगाना है।
ताजा मसौदे के मुताबिक अगर सरकार आदेश देती है तो सोशल प्लेटफॉर्म्स को सरकार द्वारा कानूनी रूप से वैध एजेंसी के मांगे जाने पर उसके मंच पर किसी सूचना को देने वाले असल व्यक्ति को ढूंढकर पहचान करनी होगी।
Updated on:
25 Dec 2018 08:25 am
Published on:
24 Dec 2018 11:11 pm
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