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लेह-लद्दाख अब नहीं कटेगा देश के बाकी हिस्सों से, सरकार ने 6,809 करोड़ रुपए की जोजिला सुरंग परियोजना को दी मंजूरी

परिवहन मंत्रालय के अनुसार- इससे जम्मू-कश्मीर में स्थानीय स्तर पर भी रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।

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jojila tunnel

नई दिल्ली। मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर में 6,809 करोड़ रुपए की रणनीतिक जोजिला सुरंग परियोजना के निर्माण को मंजूरी दे दी है। सर्दियों के दौरान श्रीनगर, कारगिल और लेह भारी बर्फबारी के कारण दुनिया से कट जाता है। इस परियोजना से क्षेत्र में सभी मौसमों में संपर्क बना रहेगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने जोजिला टनल के निर्माण, संचालन और रखरखाव के लिए मंजूरी दी है। बयान में कहा गया है कि गगनगीर में 6.5 किलोमीटर लंबी जेड-मोर सुरंग जैसी परियोजनाओं के साथ इस परियोजना से कश्मीर और लद्दाख के दोनों क्षेत्रों को सुरक्षित, तेज और सस्ती कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी।

पिछड़े जिलों को होगा लाभ

बता दें, 11,578 फीट की ऊंचाई पर स्थित श्रीनगर-कारगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग सर्दियों में दिसंबर से अप्रैल के दौरान बंद रहता है। भारी हिमपात और हिमस्खलन के कारण लेह-लद्दाख क्षेत्र कश्मीर से कट जाता है। बयान में कहा गया है कि यह परियोजना इन क्षेत्रों में आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक एकीकरण को भी बढ़ावा देगी। परियोजना सामरिक और सामाजिक-आर्थिक महत्व की है और यह जम्मू-कश्मीर के आर्थिक रूप से पिछड़े जिलों के विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।

परियोजना की निर्माण अवधि सात वर्ष है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) परियोजना को नेशनल हाईवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के माध्यम से कार्यान्विंत करेगा। परियोजना की निर्माण लागत 4,899.42 करोड़ रुपए है, जबकि कुल पूंजी लागत 6,808.69 करोड़ रुपए है। इसमें चार साल तक भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और अन्य पूर्व निर्माण गतिविधियों के साथ-साथ सुरंग के रखरखाव और संचालन की लागत भी शामिल है।

स्थानीय व्यापार को मिलेगा बढ़ावा

इस परियोजना से स्थानीय श्रमिकों के लिए रोजगार पैदा होगा। साथ ही स्थानीय व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे पूरा साल यहां की मार्केट राष्ट्रीय मार्केट से जुड़ी रहेगी। क्षेत्र में पर्यटन से जुड़े व्यवसायों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पहले कहा था कि सरकार परियोजना के लिए प्रतिबद्ध है। 1 मार्च 2016 को परिवहन मंत्रालय ने इस परियोजना के लिए "पुनः बोली लगाने" का आदेश दिया था।