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चुनाव आचार संहिता उल्लंघन मामले में PM मोदी को कोर्ट से राहत

गुजरात उच्च न्यायालय ने पीएम नरेन्द्र मोदी के खिलाफ दायर चुनाव आचार संहिता उल्लंघन की याचिका खारिज कर दी है

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Sunil Sharma

Nov 05, 2015

modi selfie with party symbol

modi selfie with party symbol

अहमदाबाद। गुजरात उच्च न्यायालय ने पीएम नरेन्द्र मोदी के खिलाफ दायर
चुनाव आचार संहिता उल्लंघन की याचिका खारिज कर दी है। प्रधानमंत्री के खिलाफ आप के
पूर्व सदस्य निशांत वर्मा ने शिकायत दर्ज कराई थी। बेहद चर्चित रहे इस प्रकरण में
यहां की दो निचली अदालतों तथा जांच एजेंसी अहमदाबाद पुलिस के क्राइम ब्रांच ने मोदी
को पहले ही क्लीन चिट दे दी थी।

न्यायमूर्ति जे बी पारडीवाला की अदालत ने इस
मामले में निचली अदालत के फैसले को मान्य रखते हुए याचिका को खारिज कर दिया। इस
मामले का विशेष महत्व इसलिए भी था क्योंकि इस अर्जी को स्वीकार किये जाने पर अदालत
की ओर से प्रधानमंत्री मोदी को समन जारी किया जाता। पहले इस मामले की सुनवाई कर रहे
न्यायमूर्ति जी आर उधवानी ने खुद को छह अक्टूबर को सुनवाई से अलग कर लिया था
। इससे
पहले गत 28 सितंबर को उन्होंने उक्त याचिका को स्वीकार करने के कुछ ही मिनटों के
भीतर अपने आदेश को वापस ले लिया था।

पिछली तिथि पर महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी
ने राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए न्यायमूर्ति पारडीवाला की अदालत में कहा था कि
निचली अदालत ने इस प्रकरण में जांच एजेंसी यानी अहमदाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच की
रिपोर्ट को मान्य रखने को सही ठहराया है। इस अर्जी को सुनवाई के लिए स्वीकार नहीं
किया जाना चाहिए। उधर याचिकाकर्ता तथा आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता निशांत वर्मा
के वकील के आर कोष्टी ने याचिका को स्वीकार करने के पक्ष में दलीलें दी
थीं।



ज्ञातव्य है कि पिछले साल 30 अप्रैल को लोकसभा के मतदान के दौरान हुई
इस घटना पर चुनाव आयोग के हस्तक्षेप पर राज्य सरकार ने स्थानीय क्राईम ब्रांच को
इसकी जांच सौंपी गई थी जिसने दो अलग अलग मामले (मोदी के अपना वोट डालने के बाद
मतदान केन्द्र के निकट पार्टी के चुनाव चिन्ह के साथ सेल्फी लेने तथा उनके मीडिया
को जमा कर सभा के अंदाज में संबोधित करने) दर्ज किए थे पर दोनो में मोदी को क्लीन
चिट दे दी थी। उसकी क्लोजर रिपोर्ट के बाद निचली अदालत ने मामले को खारिज कर दिया
था।


इस आदेश को स्थानीय मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने भी सही ठहराया
था। पर आम आदमी पार्टी के पूर्व कार्यकर्ता निशांत वर्मा, जिन्होंने मोदी के खिलाफ
इस मामले में जन प्रतिधित्व कानून की धारा 126 यानी आदर्श आचार संहित के उल्लंघन के
अलावा भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी के तहत भी आपराधिक मामले दर्ज करने का आवेदन
दिया था, ने इसके बाद गत मई माह में हाई कोर्ट के समक्ष समीक्षा याचिका दायर की थी।



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