
गुरमीत राम रहीम ने
नई दिल्ली। रेप और हत्या के दोषी गुरमीत राम रहीम ( gurmeet Ram Rahim Singh ) ने 42 दिन की पैरोल मांगी है। रोहतक के सुनारिया जेल में बंद में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख ( Dera Sacha Sauda ) राम रहीम ने कृषि कार्य के लिए पैरोल मांगी है। हालांकि, पैरोल मिलेगी या नहीं इस पर सस्पेंस बरकार है। ऐसा माना जा रहा है कि राम रहीम की पैरोल याचिका खारिज हो सकती है। हालांकि, इस मामले पर हरियाणा के मुख्यमंत्री और दो मंत्रियों ने राम रहीम की पेरोल की वकालत की है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि पैरोल जेल अधीक्षिक से मांगी जाती है, कोई भी कैदी इसकी मांग कर सकता है और यह सबका अधिकार होता है।
डीसी को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
गुरमीत राम रहीम ( Gurmeet Ram Rahim Singh ) ने कुल 42 दिन के लिए पैरोल मांगी है। इस बाबत सिरसा पुलिस पहले डीसी को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
इसके बाद डीसी अपनी रिपोर्ट रोहतक के मंडल आयुक्त को देंगे। इसी के आधार पर राम रहीम के पैरोल पर फैसला होगा।
जेल अधीक्षक ने की राम रहीम की तारीफ
राम रहीम के द्वारा पैरोल की मांग करने के बाद रोहतक जेल अधीक्षक ने कहा कि गुरमीत राम रहीम कोई हार्डकोर क्रिमिनल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जेल के भीतर राम रहीम का आचरण अच्छा रहा है।
गौरतलब है कि जेल अधीक्षक ने यह बयान उस वक्त दिया है जब सिरसा जिला प्रशासन ने उनसे पैरोल देने या नहीं देने के मामले पर राय मांगी थी।
हरियाणा के दो मंत्रियों ने दिए यह बयान
राम रहीम के पैरोल की अर्जी पर हरियाणा में सियासत गरमा गई है। खट्टर सरकार इस मामले पर खामोश, जबकि उसके दो मंत्रियों ने बयान देकर सियासत गरमा दी है।
जेल मंत्री कृष्णलाल पंवार राम रहीम के अधिकार और कानूनी हक की वकालत कर रहे हैं, तो मंत्री अनिल विज पैरोल अर्जी पर राम रहीम के समर्थन में खुलकर उतर आए हैं।
पैरोल के समर्थन में अनिल विज और कृष्णलाल पंवार
कृष्णलाल पंवार ने कहा कि इस बारे में निर्णय प्रशासन लेगा, लेकिन गुरमीत पैराेल का हकदार है। मंत्री ने कहा कि हर दोषी दो साल की सजा पूरी करने के बाद पैरोल का हकदार होता है। अगर दोषी का व्यवहार जेल में अच्छा होता है, तो जेल अधीक्षक इसकी रिपोर्ट स्थानीय पुलिस को देता है। वेरिफिकेशन के बाद यह रिपोर्ट कमिश्नर के पास जाती है और वही अंतिम निर्णय लेते हैं।
वहीं, मंत्री अनिल विज ने कहा कि गुरमीत राम रहीम हो या कोई अन्य कैदी कानून के मुताबिक हर कोई पैरोल का हकदार है। अगर कोई पैरोल की शर्तें पूरी करता है तो उसे यह मिलना चाहिए।
हालांकि, जेल प्रशासन इस पैरोल के पक्ष में नहीं है। अब देखना यह है कि राम रहीम मंत्रियों के इस तरह के बयान के बाद राम रहीम बाहर आता है या फिर अभी सलाखों के पीछे रहना पड़ेगा।
Updated on:
25 Jun 2019 06:56 pm
Published on:
25 Jun 2019 11:47 am
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