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हंदवाड़ा: आतंकियों के लिए खौफ का पर्याय थे 2 बार वीरता पुरस्कार से सम्मानित कर्नल आशुतोष शर्मा

2019 में किया गया था सेना मेडल से सम्मानित हंदवाड़ा मिशन से पहले साथी जवानों की हौसला आफजाई की थी कई आतंकियों अभियानों में निभा चुके हैं अहम भूमिका

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Ashutosh Sharma

कर्नल आशुतोष कई आंतकी अभियानों को सफलतापूर्वक अंजाम दे चुके थे अंजाम।

नई दिल्ली। उत्तर कश्मीर ( North Kashmir ) के हंदवाड़ा ( Hanwada ) में रविवार को आतंकियों के साथ मुठभेड़ के दौरान आम नागरिकों को बचाने के चक्कर में भारतीय सेना ( Indian Army ) के 5 जांबाज शहीद हो गए। इसमें एक जांबाज कर्नल ऐसा शख्स था जो आतंकियों के बीच मौत का पैगाम माना जाता था। राजपूताना राइफल्स के कर्नल आशुतोष शर्मा दो बार वीरता पुरस्कार से सम्मानित थे। कर्नल शर्मा शहीद होने से पहले घाटी में आतंकियों के लिए खौफ का पर्याय ( synonymous of awe ) रहे हैं।

कर्नल शर्मा उस जांबाज का नाम है जिनकी अगुआई में भारतीय सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ कई ऑपरेशनों को अंजाम दिया और उन्हें सबक सिखाया। कश्मीर घाटी में उनके नाम तक से आतंकी कांपते रहे हैं।

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21 राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट ( RRU ) के कमांडिंग ऑफिसर रहे कर्नल आशुतोष शर्मा ( Col Ashutosh Sharma ) अपने आतंक विरोधी अभियानों में साहस और वीरता के लिए दो बार वीरता पुरस्कार से नवाजे जा चुके हैं। आशुतोष कर्नल रैंक के ऐसे पहले कमांडिंग अफसर थे जिन्होंने पिछले 5 साल में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में अपनी जान गंवाई हो। इससे पहले 2015 के जनवरी में कश्मीर घाटी में आतंकियों से लोहा लेने के दौरान कर्नल एमएन राय शहीद हो गए थे। उसी साल नवंबर में कर्नल संतोष महादिक भी आतंकियों के खिलाफ अभियान में शहीद हो गए थे।

लंबे समय से कर्नल आशुतोष शर्मा गार्ड रेजिमेंट में रहकर घाटी में तैनात थे। सैन्य अधिकारियों के मुताबिक शहीद आशुतोष शर्मा को कमांडिंग ऑफिसर के तौर पर अपने कपड़ों में ग्रेनेड छिपाए हुए आतंकी से अपने जवानों की जिंदगी बचाने के लिए वीरता मेडल से सम्मानित किया जा चुका है। 2019 में भी उन्हें वीरता मेडल से सम्मानित किया गया था।

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बता दें कि हंदवाड़ा मुठभेड़ में रविवार को कर्नल आशुतोष शर्मा के अलावा मेजर अनुज सूद, नायक राजेश और लायंस नायक दिनेश ने भी जान गंवाई हैं। इसके अलावा इस अभियान में दो आतंकी भी ढेर हुए।

मुठभेड से पहले आशुतोष ने क्या कहा था

हंदवाड़ा में आतंकियों के छिपे होने की सूचना के बाद कर्नल आशुतोष ने मुठभेड़ के लिए रवाना होने से पहले अपनी यूनिट के जवानों की काफी हौसला अफजाई की थी। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह यूनिट मेरा घर है। मेरे सभी साथी जवान घर के सदस्य हैं।