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शाहीन बाग प्रदर्शन के दाैरान भड़काऊ भाषण देने वाले हर्ष मंदर को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, जानें इनके बारे में

- दिल्ली पुलिस ( Delhi Police ) ने सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर ( harsh Mandar hate Speech ) के खिलाफ हलफनामा दायर कर कार्रवाई की मांग की है - नागरिकता संशोधन कानून ( CAA Protest ) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हर्ष मंदर ने लोगों को हिंसा के लिए उकसाया है - सुप्रीम कोर्ट ने उनको फटकारते हुए उनकी याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया

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harsh Mandar hate Speech

सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर ( harsh Mandar hate Speech ) के खिलाफ हलफनामा दायर कर कार्रवाई की मांग की है

नई दिल्ली।

दिल्ली पुलिस ( Delhi Police ) ने सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर ( harsh Mandar hate Speech ) के खिलाफ हलफनामा दायर कर कार्रवाई की मांग की है। दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कोर्ट में दायर हलफनामा में कहा कि नागरिकता संशोधन कानून ( CAA Protest ) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हर्ष मंदर ने लोगों को हिंसा के लिए उकसाया है। भाजपा के तीन नेताओं के खिलाफ भड़काऊ भाषण को लेकर कार्रवाई की मांग काे लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हर्ष मंदर खुद ही सवालों के घेरे में आ गए। हर्ष मंदर का विवादित विडियो ( Harsh Mandar Video ) सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनको फटकारते हुए उनकी याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने हर्ष मंदर ने जवाब मांगा है।

कौन हैं हर्ष मंदर ( Who is Harsh Mandar )

हर्ष मंदर मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य रह चुके हैं। हर्ष मंदर पूर्व आईएएस अधिकारी रहे है और अब सामाजिक कार्यकर्ता हैं। इसके साथ ही यूपीए के समय लाए गए विवादास्पद कम्युनल वायलेंस बिल का मंदर को मुख्य आर्किटेक्ट भी कहा जाता है।

शीर्ष कोर्ट ( Supreme Court ) के खिलाफ की थी टिप्पणी

आपको बता दें कि मंदर के विवादित वीडियो को लेकर कोर्ट ने जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे ने मंदर के वकील से कहा, “अगर आप अदालत के बारे में यही महसूस करते हैं, तो हम आपसे पूछते है। आप इन आरोपों को जवाब दीजिए। उन्होंने कथित तौर पर देश की शीर्ष अदालत और संसद की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे। पुलिस ने हलफनामे में कहा है, हर्ष मंदर ने प्रदर्शन के दौरान लोगों को हिंसा के लिए उकसाया, बल्कि देश की शीर्ष अदालत के खिलाफ भड़काऊ भाषण भी दिया है, ये अवमानना है। हर्ष मंदर इससे पहले भी संस्थान और जजों के खिलाफ ऐसा कर चुके हैं।

विवादित बयान का वीडियो

शाहीन बाग में प्रदर्शन के दौरान हर्ष मंदर ने विवादित बयान दिया था। वीडियो में उन्होंने कहा था, अब फैसला सुप्रीम कोर्ट या संसद में नहीं होगा, सुप्रीम कोर्ट ने एनआरसी, अयोध्या और कश्मीर के मामले में इंसानियत, समानता और सेकुलरिज्म की रक्षा नहीं की। अब फैसला सड़कों पर होगा।