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हरसिमरत कौर ने बढ़ाई दुष्यंत चौटाला की मुश्किलें, कांग्रेस बोली- ‘अब आप भी इस्तीफा दे दीजिए’

Highlights. - किसान विधेयक के विरोध में हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) गुरुवार को केंद्र सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा दे चुकी हैं - शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी है - हरियाणा में भाजपा (BJP) और जननायक जनता पार्टी (JJP) का गठबंधन है और इसके प्रमुख दुष्यंत चौटाला उप मुख्यमंत्री हैं

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dushyant chautala

दुष्यंत चौटाला हरियाणा में उप मुख्यमंत्री हैं

नई दिल्ली।

केंद्र सरकार की ओर से लाया गया किसान विधेयक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और इसमें शामिल विभिन्न दलों के लिए अब मुसीबत बनता दिख रहा है। साथ ही, सरकार में मतभेद भी स्पष्ट तौर पर नजर आ रहे हैं। हाल यह है कि विधेयक के विरोध को देखते हुए एनडीए में भाजपा के सबसे पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के कोटे से केंद्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्री रहीं हरसिमरत कौर को गुरुवार को इस्तीफा देना पड़ा, जिसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वीकार भी कर लिया। वहीं, अब एनडीए के एक अन्य महत्वपूर्ण सहयोगी जननायक जनता पार्टी (JJP) पर भी गठबंधन छोडऩे का दबाव बढ़ रहा है।

बता दें कि हरियाणा में भाजपा और जननायक जनता पार्टी की गठबंधन सरकार है। जननायक जनता पार्टी के प्रमुख दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) हैं। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep singh surjewala) ने ट्वीट कर दुष्यंत चौटाला से पूछा, दुष्यंत जी, हरसिमरत कौर बादल की तरह आपको भी कम से कम उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। आपको किसानों से ज्यादा अपनी कुसी प्यारी है।

वहीं, इसी मामले पर कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा (Deepender Singh Hooda) ने ट्वीट कर कहा, पंजाब के अकाली दल और आम आदमी पार्टी ने संसद में कांग्रेस के साथ किसान विरोधी 3 अध्यादेशों का विरोध कर साहस दिखाया। लेकिन दुर्भाग्य है कि हरियाणा के भाजपा और जननायक जनता पार्टी के नेता सत्ता सुख के लिए किसानों से विश्वासघात करने में लगे हुए हैं। जब पंजाब के सभी दल किसान के पक्ष में एक हो सकते हैं, तो हरियाणा में भाजपा और जननायक जनता पार्टी एकसाथ क्यों नहीं आ सकते।

हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे के बाद इस सवाल को और अधिक बल मिलता है कि जब पंजाब के सभी दल किसान के पक्ष में एक होकर केंद्र के इन किसान विरोधी अध्यादेशों के विरोध में आ सकते हैं, ताो हरियाणा में भाजपा-जजपा के नेता किसानों से विश्वासघात क्यों कर रहे हैं। किसान हित से ऊपर सत्ता लोभ।

बहरहाल, पंजाब में अकाली दल और हरियाणा में जननायक जनता पार्टी में कई समानताएं हैं। राजनीतिक रिश्तों की बात करें तो बादल परिवार और चौटाला परिवार पारिवारिक मित्र हैं। किसान अध्यादेश का विरोध करने के दौरान सुखबीर सिंह बादल ने बड़े किसान नेता देवीलाल को भी याद किया था। माना जाता है कि हरियाणा में भाजपा और जननायक जनता पार्टी का गठबंधन कराने में बादल परिवार का रोल अहम था। अब जबकि हरसिमरत कौर केंद्र सरकार से अलग हो चुकी हैं, तो ऐसे में क्या दुष्यंत चौटाला भी उप मुख्यमंत्री का पद छोडक़र किसानों की ओर अपना रुख दिखाएंगे या नहीं, यह बड़ा सवाल है।


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