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भड़काऊ भाषण देने वाले रामभक्त गोपाल की जमानत याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा ऐसे लोग समाज के लिए विनाशकारी

गुरुग्राम की एक कोर्ट ने रामभक्त गोपाल की जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि ऐसे लोग समाज को विनाश की ओर ले जाते हैं और धर्म विशेष के प्रति जहर उगलकर सच्ची लोकतांत्रिक भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं।

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Haryana Court denies Rambhakt Gopal's bail petition (File Pic)

Haryana Court denies Rambhakt Gopal's bail petition (File Pic)

गुरुग्राम। हरियाणा की गुरुग्राम कोर्ट ने रामभक्त गोपाल की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद उसकी जमानत खारिज कर दी है। रामभक्त गोपाल पर भड़काऊ भाषण देने और धर्म विषेश के खिलाफ दुर्भावना फैलाने का आरोप है। बीती चार जुलाई को हरियाणा के पटौदी जिले के रामलीला मैदान में लव जिहाद और धर्मांतरण को लेकर एक महापंचायत हुई थी। महापंचायत में दिल्ली-एनसीआर के लोगों समेत सैंकड़ों लोग शामिल हुए थे। यहां रामभक्त गोपाल ने भड़काऊ भाषण दिया और मुस्लिम धर्म के खिलाफ जहर उगला।

इसके बाद रामभक्त गोपाल का भड़काऊ भाषण वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और हरियाणा पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गोपाल को गिरफ्तार किया और धारा 153 ए व 295 ए के तहत एफआईआर दर्ज की गई। हालांकि गिरफ्तार करने के बाद आरोपी ने कहा कि उसने ये सब भावनाओं में बहकर बोल दिया था।

कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जनता में यह संदेश जाना जरूरी है कि राज्य धर्मनिरपेक्ष भावनाएं रखता है और धर्म या जाति के प्रति घृणा फैलाने वालों के खिलाफ है। जज मोहम्मद शगीर ने कहा, 'ऐसे व्यक्ति सच्ची लोकतांत्रिक भावनाओं के विकास में बाधक हैं। यह हमारे समाज में धार्मिक फूट डालकर, समाज को विनाश की ओर ले जाना चाहते हैं।"

उन्होंने आगे कहा, 'धार्मिक सहिष्णुता वर्तमान समय की एक बड़ी मांग है और समाज के भीतर व्यक्तियों को साथ लाना बेहद जरूरी है, खासकर जब विभिन्न धर्मों व मान्यताओं वाले लोग एक ही राष्ट्र में रहते हों।'

आपको बता दें कि इसी महापंचायत में करणी सेना के अध्यक्ष और हरियाणा बीजेपी के प्रवक्ता सूरज पाल अम्मू ने भी मुस्लिम धर्म के खिलाफ कई विवादित बयान दिए, जिसके बाद सोशल मीडिया पर उनकी जमकर खिंचाई की गई। अम्मू आमतौर पर विवादित बयान देते रहते हैं और धर्म विशेष के खिलाफ बोलते हुए दिखाई देते हैं।

गौरतलब है कि रामभक्त गोपाल उर्फ गोपाल शर्मा ने बीते साल जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के बाहर नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पिस्तौल से फायरिंग कर दी थी, जिसमें एक व्यक्ति घायल भी हो गया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। जिस वक्त गोपाल को गिरफ्तार किया गया था उस वक्त वह नाबालिग था। हालांकि कुछ हिंदूवादी संगठनों ने उसे इस काम के लिए इनाम देने की बात भी कही थी।


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