
दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में हो रहे प्रदर्शन के पीछे देश विरोधी ताकतों का हाथ होने की जांच की याचिका पर नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही हिंदू सेना की ओर से एआइएमआइएम नेता अबरुद्दीन औवेसी, असदुद्दीन ओवैसी और वारिस पठान को भड़काऊ भाषण देने के आरोप में एफआइआर दर्ज करने की मांग पर और हिंसा भड़काने के आरोप में अमानतुल्लाह खान, स्वरा भास्कर के खिलाफ कार्रवाई और दिल्ली हिंसा की एनआइए से जांच करने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।
हिंदू सेना ने दायर की थी याचिका
गौर हो, हिंदू सेना ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें मांग की थी कि एआईएमआईएम नेता अकबरुद्दीन ओवैसी, वारिस पठान, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया और अमानतुल्लाह खान के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के लिए एफआईआर दर्ज की जाए। कार्रवाई की जाए। लॉयर्स वॉयस ने भी एक याचिका दाखिल करके इन बयानों की जांच के लिए एसआईटी का गठन करके दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की गुहार लगाई थी।
वारिस पठान को बयान दर्ज कराने का आदेश
अदालत ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन (AIMIM) के नेता और पूर्व विधायक वारिस पठान को 29 फरवरी को बयान दर्ज कराने का आदेश दिया है। कलबुर्गी के पुलिस उपायुक्त एमएन नागराज के अनुसार- पठान को नोटिस जारी कर दिया गया है। पठान को जांच अधिकारी के सामने पेश होकर अपने बयान दर्ज कराने होंगे। बता दें, पठान ने कुछ दिन पहले एक रैली के दौरान विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि हम 15 करोड़, 100 करोड़ पर भारी पड़ेंगे। यह बयान सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुआ था।
Updated on:
28 Feb 2020 02:53 pm
Published on:
28 Feb 2020 01:10 pm
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