नेशनल क्लीनिक रजिस्ट्री के जरिए मरीजों की सही जानकारी मिल सकेगी। इसके अलावा उनको दिए जाने वाले इलाज, किस उम्र के पेशेंट में संक्रमण की ज्यादा आशंका आदि की डिटेल्स मिल सकेंगी। देशभर के सभी प्रमुख अस्पतालों से डाटा जुटाने की जिम्मेदारी पीजीआई चंडीगढ़, एम्स दिल्ली, एम्स जोधपुर, निमहान्स बेंगलुरू, आर्म्डं फोर्स मेडिकल कॉलेज पुणे समेत 100 प्रसिद्ध संस्थानों को दी जा सकती है। वे अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों और हॉस्पिटल्स से डाटा इकट्ठा करके सौंपेंगे।
आईसीएमआर का कहना है कि क्लिनिकल रजिस्ट्री के तहत मरीजों की डाटी फीड के अलावा रोगी प्रबंधन और इलाज के दौरान होने वाले बदलाव आदि की जानकारी एक इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म पर प्रोफार्मा में भरी जाएंगी।डेटा को केंद्रीय सर्वर/एनएएल क्लाउड और ऑनालिसिस में स्टोर किया जाएगा। रजिस्ट्री मंच पर उपलब्ध डाटा का उपयोग भविष्य में होने वाले अध्ययनों के काम आ सकता है। क्योंकि व्यक्तिगत तौर पर डाटा जुटकार स्टडी में दिक्कत होती है। ये आंकड़े शोधकर्ताओं को आसानी से उपलब्ध होंगे, इससे जल्द से जल्द सटीक इलाज खोजने में मदद मिलेगी।