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Coronavirus पर स्वास्थ्य मंत्रालय का नया आदेश, हल्के लक्षण और संदिग्ध मरीज अब घर में होंगे क्वारंटाइन

locationनई दिल्लीPublished: Apr 28, 2020 10:01:20 am

Submitted by:

Kaushlendra Pathak

देश में काफी तेजी से फैल रहा है कोरोना वायरस ( coronavirus )
क्वारंटाइन ( Quarantine ) को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ( Health Ministry ) ने नए आदेश जारी किए
कोरोना संदिग्ध और हल्के लक्षण वाले घरे में होंगे क्वारंटाइन

home quarantine

कोरोना संदिग्ध और हल्के लक्षण वाले अब घर में ही होंगे क्वारंटाइन।

नई दिल्ली। पूरी दुनिया के साथ-साथ भारत में भी कोरोना वायरस ( coronavirus ) के तेजी से मामले बढ़ते जा रहे हैं। देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 21 हजार के पार पहुंच चुका है। वहीं, इस खतरनाक वायरस के कारण 934 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 6868 लोग ठीक होकर घर लौट चुके हैं। इस महामारी को रोकने के लिए अगामी तीन मई तक के लिए लॉकडाउन ( Lockdown 2.0 ) लागू है। इसके बावजूद कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं, कोरोना संदिग्ध और हल्के लक्षण वालों को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ( Health Ministry ) ने बड़ा फैसला लिया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने नये आदेश में कहा है कि अब जो लोग कोरोना संदिग्ध ( Corona Suspect ) होंगे या जिनमें कोरोना के हल्के लक्षण दिखेंगे, उन सबको घर पर ही क्वारंटाइन ( Quarantine) किया जाएगा। इस मामले को लेकर मंत्रालय की ओर से गाइडलाइन जारी कर दिया गया है। मंत्रालय का कहना है कि घर में देखभाल करने के लिए लोग उपलब्ध होंगे। लिहाजा, ऐसे मरीज घर पर ही क्वारंटाइन में रह सकते हैं। इसके लिए मरीजों को बीमारी या उसके लक्षण के बारे में जानकारी देनी होगी और यह भी बताना होगा कि वह अपनी मर्जी से ही घर पर आइसोलेट होना चाहता है। यहां आपको बता दें कि वर्तमान में कोरोना संदिग्ध या हल्के लक्षण वालों को कोरोना केयर सेंटर में रखने का प्रावधान है।
नये गाइडलाइन में क्या है प्रावधान?

नए गाइडलाइन के मुताबिक, बहुत हल्के या प्री सिम्प्टोमैटिक मामलों में रोगियों के पास अपने घर पर ही सेल्फ क्वारंटाइन और आइसोलेशन का ऑप्शन दिया गया है। वहीं, बहुत हल्के या फिर हल्के मरीजों को कोविड केयर सेंटर में भर्ती कराया जाना चाहिए। इसके अलावा मध्यम स्तर के रोगियों को कोविड हेल्थ सेंटर और गंभीर श्रेणी के रोगियों को कोविड अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए। वहीं, कोरोना महामारी के रोकथाम के चरण के दौरान लक्षणों मरीजों के आधार पर डायग्नोस्टिक प्रोसेस के लिए अलग-अलग स्थानों पर भेजा जाना चाहिए। वहीं, रोगी का इलाज करने वाला डॉक्टर टेस्ट के बात अगर लिख दे कि वह संक्रमण मुक्त है तो वह आइसोलेशन से बाहर आ सकते हैं। यहां आपको बता दें कि आइशोलेशन की अवधि दो हफ्ते से चार हफ्ते है।

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