नई दिल्ली। COVID-19 की दूसरी लहर के बीच देश भर में हेल्थकेयर कार्यकर्ता काफी दबाव में काम कर रहे हैं। इतनी कष्टदायी स्थिति है कि पुणे में एक डॉक्टर अपने पिता को खोने के बावजूद मरीजों की देखरेख करता रहा है और उसकी मां और भाई भी अस्पताल में भर्ती हैं। संजीवन अस्पताल के निदेशक डॉ. मुकुंद ने अपनी “कठिन स्थिति” के बारे में बताते हुए कहा कि कर्मचारी अपनी आंखों को आराम नहीं दे सकते क्योंकि कार्यभार बहुत चरम पर है।