मंत्रालय की ओर से जारी नई एडवाइजरी के मुताबिक, डॉक्टर या अन्य स्वास्थ्यकर्मी को क्वारंटीन में भेजे जाने से लेकर एक हफ्ते के लिए इसे दोबारा बढ़ाने का फैसला मेडिकल स्टाफ के प्रोफाइल पर आधारित होगा। अगर किसी में बीमारी के लक्षण बने रहते हैं या उसकी हालत में सुधार नहीं होता है तो उसे एक अतिरिक्त हफ्ते के लिए क्वारंटीन में रहने के निर्देश दिए जा सकते हैं। ये नए निर्देश कोविड और नॉन-कोविड सभी विभाग में काम करने वाले चिकित्साकर्मियों पर लागू होंगे।
क्वारंटीन की अवधि बढ़ाते समय स्वास्थकर्मी की आयु एवं उनकी सेहत को ध्यान में रखा जाएगा। इसके अलावा वे कब और कैसे किसी मरीज के संपर्क में आए हैं इस बात पर भी गौर किया जाएगा। अगर कोई स्वास्थकर्मी किसी ऐसे संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया हो जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बेहद कम हो तो ऐसे में उन्हें कम दिनों के लिए क्वारंटीन रहना होगा। वे जल्दी ड्यूटी भी ज्वाइन कर सकते हैं।