
hemant sarma
नई दिल्ली। भाजपा नेता हिमंत बिस्व सरमा ने सोमवार को असम के सीएम पद की शपथ ली। श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में 12 बजे के करीब राज्यपाल जगदीश मुखी ने हिमंत बिस्वा सरमा को गोपनियता की शपथ दिलाई। उनके साथ भाजपा के 10, एजीपी के दो और यूपीपीएल के एक विधायक ने मंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ कई वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया।
नए मंत्रियों की सूची में असम भाजपा चीफ रंजीत कुमार दास,चंद्र मोहन पटवारी, परिमल शुक्लाबैद्य, रोनोज पेगु, संजय किशन, जोगन नोहन, अजंता नेयोग, अशोक सिंघल, पिजुष हजारिका, बिमल बोरा को शामिल किया गया है। ये सभी भाजपा से विधायक हैं। इनके साथ गठबंधन की पार्टी असम गण परिषद के अतुल बोरा और केशव महानता को मंत्रिमंडल में रखा गया है। यूनाइटेड पीपल्स पार्टी लिबरल के उरखाव ग्वारा ब्रह्मा को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।
सरमा ने कामाख्या मंदिर में की पूजा
गौरतलब है कि शपथ ग्रहण से पहले हिमंत बिस्व सरमा ने कामाख्या मंदिर और डोल गोविंद मंदिर में जाकर पूजा अर्चना की। पूर्व सीएम सर्वानंद सोनोवाल ने सरमा का नाम सबसे आगे रखा। इस पर सभी विधायकों ने सहमति जताई। सरमा ने रविवार को राज्यपाल जगदीश मुखी से मुलाकात कर सरकार गठन का दावा किया।
सरमा पर ज्यादा भरोसा जताया
गौरतलब है कि राज्य में सीएम पद को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो पाई थी। सोनोवाल से ज्यादा सरमा की दावेदारी को ज्यादा अहम माना गया। बाद में पार्टी हाईकमान ने सरमा पर ज्यादा भरोसा जताया। इस सिलसिले में भाजपा नेतृत्व ने दोनों नेताओं को शनिवार को दिल्ली बुलाया था। रविवार को गुवाहाटी में विधायक दल की बैठक सरमा के नाम को आगे रखा गया। सोनोवाल को केंद्र सरकार में जगह दी जाएगी।
पांचवीं बार विधायक बने सरमा
विधायक दल के नेता के रूप में सरमा को आगे करने को लेकर सोनोवाल ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (नेडा) के संयोजक सरमा उनके लिये छोटे भाई की तरह हैं। वे उन्हें इस नई यात्रा के लिए शुभकामनाएं देते हैं। वहीं सरमा ने कहा कि उनके पूर्ववर्ती सर्वानंद सोनोवाल ‘मार्गदर्शक’ बने रहेंगे।
असम में राजग को 75 सीटें मिली
असम की 126 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन को 75 सीटें मिली हैं। भाजपा को 60 सीटें मिलीं, वहीं गठबंधन साझेदार असम गण परिषद (एजीपी) व यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) को नौ और छह सीटें मिली हैं। हिमंत के लिए सबसे बड़ी चुनौती राज्य में को बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामले हैं। यहां पर तेजी से संक्रमण फैल रहा है।
Published on:
10 May 2021 02:16 pm
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