
migrants workers relief
नई दिल्ली। देश भर में कोरोना वायरस के खतरे के बीच बीते 15 अप्रैल से आगामी 3 मई तक के लिए लॉकडाउन 2.0 लागू कर दिया गया है। हालांकि पहले लॉकडाउन के बाद से लेकर अब तक तमाम प्रदेशों में दूसरे राज्यों के मजदूरों-प्रवासी कामगारों के फंसे होने की तमाम खबरें सामने आई हैं। इन्हें लेकर गृह मंत्रालय ने रविवार को नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
गृह सचिव द्वारा अपने 29 मार्च और 15-16 अप्रैल को जारी आदेशों व आपदा प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत रविवार को विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में फंसे हुए मजदूरों के आने-जाने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल (SOP) यानी मानक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मंत्रालय द्वारा सभी मंत्रालयों, विभागों, राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को इन्हें सख्ती से लागू करने के लिए कहा गया है।
इस पत्र के अंतर्गत गृह सचिव ने लिखा कि COVID-19 फैलने के चलते उद्योगों, कृषि, निर्माण और अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूर अपने स्थानों से निकलकर राज्यों द्वारा लगाए गए राहत शिविरों में रखे गए हैं। अब 20 अप्रैल से कंटेनमेंट जोन के बाहर अतिरिक्त नई गतिविधियों को अनुमति दे दी गई है, ऐसे में यह मजदूर औद्योगिक, उत्पादन, निर्माण, कृषि और मनरेगा में काम कर सकते हैं। ऐसे में राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के भीतर उनके आने-जाने को लेकर इन गतिविधियों का पालन किया जाए।
मिली राहत
गृह मंत्रालय द्वारा फंसे हुए मजदूरों के लिए जारी इन दिशा-निर्देशों के मुताबिक कई मामलों में उन्हें राहत भी मिली है और कई मामलों में उनकी चिंता भी बढ़ी है।
यह खबर उन मजदूरों के लिए राहत भरी है जो फिलहाल अपने कार्यस्थल वाले प्रदेशों में ही फंसे हैं। जिन क्षेत्रों को 20 अप्रैल से खुलने की छूट मिली है, उनके मजदूरों को भी राहत है क्योंकि उन्हें अब रोजगार मिल सकेगा, जो उनकी सबसे बड़ी चिंता थी।
Updated on:
19 Apr 2020 08:11 pm
Published on:
19 Apr 2020 04:49 pm
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