
नई दिल्ली।
स्टेटस सिंबल कहीं भी और किसी के लिए भी नया नहीं है। कोई भी इससे अछूता नहीं रहना चाहता। सभी की चाहत इसे पाने और आजमाने की रहती है। स्टेटस सिंबल चाहत किसी भी चीज को लेकर हो सकती है। गाड़ी, बंगला या ऐसी कोई भी चीज जो आपको अलग पहचान देती है और आपको कुछ खास बना देती है। खासकर माननीय लोग इसके पीछे ज्यादा भागते हैं।
बिहार में इन दिनों यही हो रहा है। स्टेटस सिंबल के लिए माननीय लोग भी हर आदेश की अनदेखी कर रहे हैं। दरअसल, बिहार में माननीयों (विधायक और मंत्री) के लिए सरकारी बंगला स्टेटस सिंबल होता है। यही वजह है कि कई पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक बार-बार सरकार के आदेश की अनदेखी करते हुए बंगला खाली नहीं कर रहे हैं।
नोटिस दिए जाने के बाद भी बंगला खाली नहीं कर रहे
वहीं, अब बिहार सरकार का भवन निर्माण विभाग इस मामले में कार्रवाई के मूड में दिखाई दे रहा है। ऐसे माननीय, जो नोटिस दिए जाने के बाद भी बंगला खाली नहीं कर रहे, उनसे जबरन इसे खाली कराए जाने की तैयारी हो रही है। विभाग ने इसकी शुरुआत राज्य सरकार में पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह से कर दी है। दिलचस्प यह है कि विभाग ने जैसे ही सख्ती दिखानी शुरू की, जय कुमार सिंह बदनामी से बचने के लिए खुद बंगला खाली करने में जुट गए। दूसरी ओर, बिहार के कई पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक ऐसे भी हैं, जो सरकारी बंगले पर कब्जा जमाए हुए हैं। वहीं, विधायक होने की वजह से विधानसभा की ओर से ऐसे सभी लोगों को दूसरा बंगला अलॉट किया जा रहा है, जो पहले मंत्री थे, मगर अब सिर्फ विधायक हैं।
भवन निर्माण विभाग सख्ती से पेश आने की तैयारी कर रहा
ऐसे माननीयों में सत्ता पक्ष के विधायक अधिक हैं। जो विधायक अब मंत्री नहीं है और उन्होंने मंत्री रहते अलॉट किए गए बंगले को खाली नहीं किया है, उन पर भवन निर्माण विभाग सख्ती से पेश आने की तैयारी कर रहा है। ऐसे में उनसे सिर्फ बंगला ही खाली नहीं कराया जाएगा बल्कि, उनसे जुर्माना भी वसूला जाएगा। कार्रवाई को देखते जुए सत्तारूढ़ गठबंधन के कई नेता अब परेशान और चिंतित दिखाई दे रहे हैं।
सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं ने ही बंगलों पर जमाया कब्जा
बिहार में सबसे अधिक सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं ने ही बंगलों पर कब्जा जमाया हुआ है। जनता दल यूनाइटेड और भाजपा के कई बड़े नेताओं ने बंगले पर किसी न किसी तरकीब से कब्जा जमाया हुआ है। इसमें भाजपा से जो विधायक शामिल हैं, उनमें प्रेम कुमार, राणा रणधीर सिंह के नाम हैं। वहीं जनता दल यूनाइटेड से विधायक महेश्वर हजारे, जनता दल यूनाइटेड के पूर्व विधायक जय कुमार सिंह, जनता दल यूनाइटेड के पूर्व एमएलसी रणवीर नंदन और संजय गांधी तथा ललन सर्राफ आदि शामिल हैं।
अपने ही नेताओं पर कार्रवाई करने को लेकर नीतीश कुमार सरकार भी उलझन में है। लेकिन बार-बार नोटिस दिए जाने के बाद भी कब्जा नहीं छोडऩे वालों पर बिहार भवन निर्माण विभाग अब सख्ती बरतने के मूड में दिखाई दे रहा है।
Published on:
12 Mar 2021 10:14 am
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