
Atal Tunnel
नई दिल्ली। तकनीक के इस जमाने में ज्यादातर चीजें हाईटेक (High Tech) हो गई हैं। आधुनिक उपकरणों की ऐसी ही नायाब मिसाल अटल टनल (Atal Tunnel) में देखने को मिलती है। मनाली से लेह को जोड़ने वाली इस 8.8 किलोमीटर सुरंग को रोहतांग टनल (Rohtang Tunnel) के नाम से भी जाना जाता है। इसका काम इन दिनों अंतिम चरण पर है। जल्द ही इसे आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। ये सुरंग अत्याधुनिक डिवाइसों से लैस है। इसमें जगह-जगह सेंसर लगे हैं। इसके तहत अगर गाड़ी का तापमान ज्यादा हुआ तो टनल के अंदर गाड़ी को एंट्री नहीं दी जाएगी।
विश्व की आधुनिक तकनीक से बने इस टनल के दोनों प्रवेश द्वारों पर हॉट-स्पॉट डिटेक्शन सिस्टम लगे होंगे। ये सेंसर टनल में प्रवेश करने वाले वाहनों के इंजन, टायर और पूरे वाहन का तापमान स्कैन करेंगे। अगर किसी गाड़ी का टेम्परेचर जरूरत से ज्यादा पाया जाएगा तो उसे सुरंग के बाहर ही रोक दिया जाएगा। ऐसा करने के पीछे का मकसद बड़ी दुर्घटनाओं को रोकना है। जब वाहन का तापमान सामान्य हो जाएगा, उसके बाद बैरियर पर स्कैन कर टनल से वाहन को गुजरने की अनुमति दी जाएगी। अटल टनल के बनने से मनाली से लेह तक की दूरी एक ही दिन में कवर हो जाएगी। इस सुरंग का उद्घाटन सितंबर माह के लिए प्रस्तावित हैं।
तेज रफ्तार में फर्राटा भर सकेंगी गाड़ियां
वैसे तो सुरंग से गाड़ियों के निकलने में दिक्कत होती है। खासतौर पर पहाड़ी इलाकों में बने टनल में। मगर रोहतांग सुरंग को खास तकनीक से डिजाइन किया गया है। जिससे गाड़ियां तेज रफ्तार में फर्राटा भर सकेंगी।
यहां 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से वाहन दौड़ सकेंगे। इंजीनियरों के मुताबिक रोजाना इस सुरंग से करीब 4500 वाहन गुजर सकेंगे।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए लगाई आटोमेटिक मशीन
अटल टनल से रोजना गाड़िया तेज स्पीड में गुजरेंगी। इससे काफी धूल उड़ेगी। जिसके चलते सुरंग के भीतर प्रदूषण ज्यादा होने की संभावना रहेगी। इसलिए इसे नियंत्रित करने के लिए टनल के अंदर जगह-जगह एयर क्वालिटी चेक करने के उपकरण लगाए जा रहे हैं। ये सेंसर प्रदूषण के स्तर के बारे में बताएंगे। पॉल्यूशन ज्यादा होने पर सुरंग में लगी आटोमेटिक मशीन अपने आप टनल के ऊपरी भाग से उसे बाहर निकाल देगी। टनल में ऑक्सीजन की कमी न हो इसकी भी व्यवस्था की जा रही है।
Published on:
29 Jul 2020 11:43 am
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