
नई दिल्ली। गुजरात के सूरत की रहने वाली एक युवती के साथ रेप के आरोप जैन मुनि शांति सागर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जैन मुनि खुद को नपुंसक बता रहा है ऐसे में अब उसका पोटेंसी टेस्ट किया जाएगा। आइए बताते हैं कि पोटेंसी टेस्ट क्या है और किस तरह से इसे किया जाता है-
क्या होता है पोटेंसी टेस्ट?
कोई व्यक्ति नपुंसक है या नहीं, इसका पता एक खास प्रकार के टेस्ट से लगाया जाता है। इस टेस्ट को पोटेंसी टेस्ट कहते हैं। कई बार बलात्कार के आरोपी खुद को नपुंसक बता कर बचने की कोशिश करते हैं। ऐसे में कोर्ट के आदेश पर पुलिस आरोपी का पोटेंसी टेस्ट करवाती है।
कैसे होता है टेस्ट?
पोटेंसी टेस्ट करने वाले डॉक्टरों के मुताबिक इस टेस्ट को पाइप टेस्ट कहते हैं और ये बड़ी आसानी से हो जाता है। इसमें पापावेरीन और फेंटालोनीन को मिक्स कर इंजेक्शन दिया जाता है। इस इंजेक्शन के लगने के बाद टेस्ट करवाने आए शख्स के खून की वेन्स टाइट होने लगती हैं। इसके बाद डॉक्टर प्राइवेट पार्ट का अल्ट्रासाउंट करते है। जिसमें देखा जाता है कि प्राइवेट पार्ट में ब्लड की सप्लाई सामान्य है या कम। डॉक्टरों के मुताबिक अगर ब्लड सप्लाई की दर ऊपर की दिशा में 25 सेमी प्रति सेकेंड है तो वो शख्स सेक्सुअल रिलेशन बना सकता है।
इन मामलों में नहीं हो पाता सही टेस्ट?
कई बार ज्यादा उम्र और डायबटीज जैसी बीमारियों की वजह से खून की नसों में सिकुड़न आ जाती है। ऐसे में इंजेक्शन लगाने के बाद भी नसों में रक्त का प्रभाव सही ढंग से नहीं हो पाता।
आसाराम का भी हो चुका है पोटेंसी टेस्ट
रेप के आरोप में फंसे बलात्कार के आरोपी आसाराम बापू ने खुद को नपुंसक बताया था। ऐसे में कोर्ट के आदेश पर उनका पोटेंसी टेस्ट हुआ था। इस टेस्ट में आसाराम का झूठ पकड़ा गया था। अब जैन मुनि शांति सागर को इस टेस्ट से गुजरना पड़ सकता है।
Published on:
17 Oct 2017 04:59 pm
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