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कपड़ों का बिजनेस छोड़ सन्यासी बने थे ‘गोल्डन बाबा’, पापों के प्रायश्चित के लिए उठाया ये कदम

Golden Baba Death : दिल्ली के गांधीनगर में कपड़ों का व्यापार करते थे सुधीर मक्कड़, बाद में हरिद्वार में बेची फूल-माला साल 2013 में सारे काम छोड़ बन गए सन्यासी, दिल्ली में खोला था पहला आश्रम

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Soma Roy

Jul 01, 2020

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Golden Baba Death

नई दिल्ली। हमेशा सोने के गहनों से लदे रहने वाले गोल्डन बाबा (Golden Baba) को भला कौन नहीं जानता होगा। बड़े-बड़े अधिकारी से लेकर आम भक्त तक हर कोई उनकी सेवा करना चाहता था। गोल्डन बाबा का असली नाम सुधीर कुमार मक्कड़ (Sudhir Kumar Makkar) है। वो अपने अलग अंदाज के लिए जाने जाते थे। गहनों के साथ कांवड यात्रा (Kanwar Yatra) से लेकर हर की पौड़ी में फूलमाला बेचने तक उनका सफर बेहद दिलचस्प रहा है। लंबी बीमारी के बाद (Golden Baba Dies) मंगलवार रात उन्होंने दिल्ली के एम्स अस्पताल में दम तोड़ दिया। इस मौके पर हम आपको उनकी जिंदगी से जुड़े खास पहलुओं के बारे में बताएंगे।

1.गोल्डन बाबा मूल रूप से गाजियाबाद के रहने वाले थे। सन्यासी बनने से पहले वह दिल्ली में गारमेंट्स का बिजनेस करते थे। कहा जाता है कि उन्होंने अपने पापों के प्रायश्चित के लिए सन्यासी बनने का फैसला लिया था।

2.उनका बिजनेस दिल्ली के गांधीनगर में था। वे पेशे से दर्जी थे। वहां के स्थानीय लोगों के अनुसार सुधीर मक्कड़ को कपड़ों का ये काम पसंद नहीं था। तभी वो ये सब छोड़कर हरिद्वार चले गए थे। वहां हर की पौड़ी में वे फूलमाला और कपड़े बेचने लगे। साथ ही प्रॉपर्टी को खरीदने बेचने का भी काम किया। इस दौरान उन्होंने अच्छा मुनाफा भी कमाया, लेकिन साल 2013 में उन्होंने ये काम भी बंद कर दिया।

3.सुधीर कुमार मक्कड़ ने साल 2013 में ही दिल्ली स्थित गांधीनगर की अशोक गली में अपना एक आश्रम बनाया। तभी से वे गोल्डन बाबा कहलाने लगे। वे अपनी सारी उंगलियों में सोने की अंगूठी, बाहों में सोने का बाजुबंद, गले में सोने की चेन और कई देवी-देवताओं के लॉकेट पहनते थे। उनकी सुरक्षा में हमेशा 25 से 30 गार्ड तैनात रहते थे।

4.गोल्डन बाबा हर साल कांवड़ यात्रा में खूब सारा सोना पहनकर जाते थे। साल 2018 में वे 20 किलो सोना पहनकर यात्रा के लिए निकले थे। जबकि पिछले साल उन्होंने 16 किलो सोना पहना था। हालांकि पिछले साल के मुकाबले 4 किलो सोना कम पहना था। इसके लिए उन्होंने अपने खराब स्वास्थ को जिम्मेदार बताया था।

5.सुधीर मक्कड़ को सोना पहनना काफी पसंद था। इसी के चलते वे गोल्डन बाबा के नाम से मशहूर हुए थे। साल 2018 में वे 21 लक्जरी कारों और 20 किलो सोने के साथ कांवड़ यात्रा के लिए निकले थे। उनके पास 21 सोने के लॉकेट, सोने के दस्तबंद और रोलेक्स की घड़ी भी थी।