
नई दिल्ली.
दुनिया भर में कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते मरीजों के बीच में हिंदुस्तान में भी खतरा अब बढ़ने लगा है। स्टेज दो पर आने के बाद भविष्य को लेकर आशंकाएं बढ़ने लगी हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह वायरस तेजी से फैल सकता है, अगर लोगों ने यहां पर सावधानी नहीं रखी। यही वजह है कि देश में भी खुद से लॉक डाउन जैसी स्थिति के लिए कहा जा रहा है। बाहर घूमने से लेकर भीड़ भरे इलाकों से दूर रहने की सलाह दी जा रही है। इन सब खबरों के बीच में एक सवाल जरूर बना हुआ है, जब दुनिया भर में कोरोना की कोई दवाई उपलब्ध नहीं है तो फिर इलाज कैसे हो रहा है? कैसे इन मरीजों को ठीक करने का दावा किया जा रहा है। तो आइए हम आपको बताते हैं कि हमारे देश में आखिर इलाज कैसे हो रहा है...
रोग प्रतिरोधिक क्षमता मजबूत है तो जल्दी ठीक होंगे
एक बात अभी तक पूरी तरह से साफ है कि कोरोना वायरस की दवाई उपलब्ध नहीं है। लेकिन फिर भी देश में 14 मरीजों को ठीक करने का दावा किया जा रहा है और दुनिया भर में करीब 80 हजार मरीज ऐसे हैं, जिन्हें कोरोना से बचाया गया है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना है। जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है, वह बीमारी से लड़कर बाहर निकल रहे हैं।
अगर हमारे यहां बात करें तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के गंभीर मरीजों को लोपिनाविर (Lopinavir) और रिटोनाविर (Ritonavir) देने की सलाह दी है। यह दवाएं सामान्यत: एचआईवी पीड़ित मरीजों के लिए उपयोग की जाती हैं। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार साबित होती हैं। कई मरीजों पर इसके सकारात्मक परिणाम देखे गए हैं। लेकिन इसे अभी कोरोना का फुलप्रूफ इलाज नहीं कहा जा सकता है। यह हिंदुस्तानी भाषा में सिर्फ जुगाड़ भर है, इससे ज्यादा कुछ भी नहीं है।
चीन से आ रही है बेहतर खबर
दुनिया भर में यही मानकर चला जा रहा है कि कोरोना वायरस वुहान से निकलकर दुनिया भर में फैला है। लेकिन चीन के पास भी अभी फिलहाल इसकी कोई दवाई उपलब्ध नहीं है। हालांकि चीन ने कहा है कि जापान में तैयार की गई इन्फुलेंजा वैक्सीन कोरोना के मरीजों पर बेहतर कारगर साबित हो रही है। फैविपिरावीर नाम की यह दवा एंटीवायरल के तौर पर काम कर रही है। वुहान में दो सौ कोरोना मरीजों पर इसका प्रयोग किया गया था, जिसके परिणाम बेहतर साबित हुए हैं। ऐसे में यह एक बेहतर खबर के तौर पर देखा जा रहा है। अभी मरीजों को यही दवा दी जा रही है।
एंटी इबोला के सहारे इलाज
यूएस की कंपनी की एंटी इबोला दवाई को भी मरीजों पर इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन उसके परिणाम अभी तक स्पष्ट नहीं हुए हैं। इन दवाओं को चीन भी भेजा जा रहा है, जहां पर दवाओं के परिणाम पर चर्चा हो सके। फिलहाल यहां पर एक्टर्मा वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
बेहतर है कि सतर्क रहें
दवाओं की स्थिति पूरी दुनिया में साफ है कि अभी तक कोई स्पष्ट दवाई कोरोना मरीजों के लिए उपलब्ध नहीं है। ऐसे में बचाव ही इलाज है। बचने के लिए बेहतर है कि हम भीड़—भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें। खुद को अपने घर के भीतर सीमित करने की कोशिश करें। इसके साथ ही अपने हाथों को लगातार साबुन से धोएं। यह छूने से मिलने से फैलता है, ऐसे में जरूरत है कि हम एक दूरी हर किसी के साथ बनाए रखें। बच्चों और बुजुर्ग और घरेलू जानवरों का ज्यादा ध्यान रखें।
Updated on:
19 Mar 2020 04:48 pm
Published on:
19 Mar 2020 10:59 am
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