
PGI Rohtak में कोरोना वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल का फेज-वन का काम समाप्त।
नई दिल्ली। देशभर में कोरोना वायरस ( Coronavirus Pandemic ) का कहर जारी है। इस बीच भारत में ह्यूमन ट्रायल ( Human Trial ) के पहले चरण में 50 लोगों को कोरोना वैक्सीन ( Corona Vaccine ) का पहला डोज दिया जा चुका है। अभी इसके संकेत आने बाकी हैं। फिलहाल पीजीआई रोहतक ( PGI Rohtak ) से ह्यूमन ट्रायल के अच्छे संकेत मिलने की सूचना है।
जानकारी के मुताबिक भारत ( India ) की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन Covaxin का ट्रायल तीव्र गति जारी है। ह्यूमन ट्रायल के पहले चरण की शुरुआत सबसे पहले पटना एम्स ( AIIMS Patna ) से हुई। पटना एम्स में कोरोना वायरस मरीज को Covaxin का पहला डोज दिया गया था। उसके बाद एम्स दिल्ली ( AIIMS Delhi ) में 30 वर्षीय युवक को पहला डोज दिया गया। इसके साथ ही पीजीआई रोहतक में पहले चरण का काम पूरा हो गया है। पहले चरण के तहत अभी तक 50 लोगों को कोरेाना वैक्सीन का पहला डोज दिया जा चुका है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार को पीजीआई रोहतक के साइंटिस्ट्स ने दूसरे दौर की प्रक्रिया शुरू कर दी। उन्होंने 6 और लोगों को वैक्सीन की डोज दी है। ट्रायल टीम में प्रिंसिपल इनवेस्टिगेटर डॉ सविता शर्मा ने से कहा कि वैक्सीन ट्रायल ( Vaccine Trials ) के शुरुआती नतीजे 'उत्सा्हवर्धक' और अच्छे आए हैं। पहले चरण का काम पूरा होने के बाद अब हम लोग दूसरे चरण की तैयारी में जुटे हैं।
दिल्ली एम्स में ट्रायल जारी
दिल्ली एम्स ( AIIMS Delhi ) में भी ह्यूमन ट्रायल का काम जारी है। दिल्ली एम्स में 100 वॉलंटियर्स पर पहले चरण में ट्रायल होना है। दिल्ली में ह्यूमन ट्रायल के लिए 3500 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इनमें से 50 प्रतिशत से ज्यादा दूसरे राज्यों के हैं।
लेकिन दिल्ली में रहने वाले ज्यादातर वॉलंटियर्स के शरीर में पहले से ही कोरोना के खिलाफ ऐंटीबॉडी ( Antibody ) मौजूद है। जबकि एंटीबॉडी वाले मरीज ह्यूमन ट्रायल के लिए योग्य नहीं हैं।
इससे पहले दिल्ली एम्स में शुक्रवार को एक शख्स को वैक्सीन की डोज दी गई थी। उसे किसी भी प्रकार का रिएक्शन नहीं हुआ और दो घंटे बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
दिल्ली एम्स में एंटीबॉडी की समस्या सामने आने के बाद डॉक्टर्स ने वॉलंटियर्स को एक डायरी देने का फैसला लिया है। वॉलंटियर्स को डायरी तत्परता के साथ मेनटेन करना होगा। अगर उन्हें कोई दिक्कत होती है तो उसके बारे में लिखना होगा।
अगर वॉलंटियर्स को किसी तरह की परेशानी होती है तो वो कभी भी अस्पताल आ सकते हैं। यही नहीं, वैक्सीन टीम के लोग फोन के जरिए उनके संपर्क में रहेंगे और रोज ताजा जानकारी हासिल करेंगे।
बताया गया है किस एक बार वैक्सीनेशन पूरा होने के बाद सेफ्टी की रिपोर्ट एथिक्स कमिटी ( Ethics Committee ) को भेजी जाएगी। कमिटी के रिव्यू के बाद इस ट्रायल को आगे बढ़ाया जाए या नहीं पर फैसला लेगी।
जायडस कैडिला को मिली ह्यूमन ट्रायल की इजाजत
दूसरी तरफ Covaxin के अलावा जायडस कैडिला की ZyCoV-D को भी फेज-वन और फेज-टू ट्रायल के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ( DCGI ) ने इजाजत दे दी है। ट्रायल के पहले फेज में जायडस कैडिला 1,000 पार्टिसिपेंट्स को डोज देगी। अहमदाबाद के वैक्सीिन टेक्नोयलॉजी सेंटर (VTC) में डीएनए पर आधारित ZyCoV-D वैक्सीन विकसित की गई है।
बता दें कि इंडिया में पहली कोरोना वैक्सीन Covaxin का फेज 1 ट्रायल 15 जुलाई, 2020 से शुरू हुआ था। एम्स पटना पहला इंस्टीट्यूट था जहां इस वैक्सीन का फेज-वन का ट्रायल सबसे पहले शुरू हुआ। Covaxin एक इनऐक्टिवेटेड वैक्सीन है। यह उन कोरोना वायरस के पार्टिकल्स से बनी है जिन्हें मार दिया गया था। ताकि वे इन्फेक्ट न कर पाएं। इसकी डोज से शरीर में वायरस के खिलाफ ऐंटीबॉडीज बनती हैं।
Updated on:
26 Jul 2020 10:56 am
Published on:
26 Jul 2020 10:51 am
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